सेक्टर 32 स्थित अस्पताल के बाहर लंगर लगाने वाली गाड़ियों का चालान होने से स्थानीय लोगो मे रोष!/ बाहर से इलाज करवाने आए भूखे लोग भोजन के लिए भटकने को मजबूर*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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सेक्टर 32 स्थित अस्पताल के बाहर लंगर लगाने वाली गाड़ियों का चालान होने से स्थानीय लोगो मे रोष!/ बाहर से इलाज करवाने आए भूखे लोग भोजन के लिए भटकने को मजबूर*
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चण्डीगढ़ :- सेक्टर 32 स्थित जीएमसीएच में इलाज कराने आए मरीजों के तीमारदारों के लिए अस्पताल के बाहर मुफ्त लंगर लगाने वाली गाड़ियों के चालान काट डाले गए। इसमें भी खास बात ये रही कि पहले सिर्फ सेक्टर 29 के साईं मंदिर वालों की गाड़ी का चालान ही काटा गया। जब चालान काटने आए नगर निगम के अधिकारी इंस्पेक्टर के समक्ष मंदिर के सेवादारों ने इस बात के लिए ऐतराज किया तो इंस्पेक्टर ने लंगर बांट रही बाकि गाड़ियों के भी चालान काटे। निगम की इस कार्रवाई से स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ मरीजों के रिश्तेदारों में भी भारी रोष है। दोपहर को भोजन का समय होने के कारण लोग लाइनों में खड़े थे। कार्रवाई होने के बाद लोग भूख मिटाने के लिए इधर उधर भटकते देखे गए। कई धार्मिक संस्थाएं एवं समाजसेवी पिछले कई वर्षों से पीजीआई व सेक्टर 32 के अस्पताल के बाहर सुबह, दोपहर व शाम को निस्वार्थ भाव से बेरोकटोक लंगर लगाने के पुण्य कार्य में जुटी हुई हैं व रोजाना हजारों की संख्या में दीन-दुखियों की सेवा में लीन हैं, परन्तु आज पहली बार इस नादिरशाही कार्रवाई से हर कोई स्तब्ध रह गया। श्रद्धालुओं ने इसे भूखे लोगों के मुंह से निवाला छीनने वाला पाप कर्म करार दिया है। यहां ये उल्लेखनीय है कि चण्डीगढ़ में अस्पताल के बाहर मुफ्त लंगर बांटने की परंपरा शुरू करने वाले स्वर्गीय जगदीश चंद्र आहूजा को उनके इस काम के लिए अभी कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। स्वर्गीय आहूजा सेक्टर 26 में केलों के बड़े आढ़ती थे। उन्होंने इस मुफ्त लंगर सेवा को निरंतर जारी रखने के लिए अपनी कई जायदादें भी बेच डालीं थीं। उनके इस जुनून के कारण वह पूरे शहर में लंगर वाले बाबा के नाम से मशहूर हो गए व उनकी देखा देखी और भी लोग सेवाभाव से लंगर लगाने के लिए आगे आए।
*कांग्रेस ने शर्मनाक कृत्य बताते हुए कड़ी निंदा की*
लंगर लगाने वाली गाड़ियों के चालान काटने के कारनामे का कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस प्रवक्ता कृष्ण लाल ने यहां जारी एक बयान में कहा कि हमारे हिन्दू धर्म में नर सेवा को नारायण सेवा के बराबर माना जाता है, परन्तु भाजपा शासित नगर निगम ने इस भावना को दरकिनार कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला शर्मनाक काम किया है, जोकि बेहद अफसोसनाक है। कृष्ण लाल ने कहा कि वे जल्द इस मामले को लेकर अधिकारियों से मिलकर उन्हें ये सुनिश्चित करने को कहेंगे कि भविष्य में ऐसा दोबारा ना हो। उन्होंने कहा कि काफी धार्मिक संस्थान अपनी निजी गाड़ियों में बाहर से आए हुए मरीजों के तीमारदारों के लिए उनके खाने पीने का भंडारा करती हैं, जोकि बेहद सराहनीय कदम है। लोग दूरदराज के प्रदेशों से चंडीगढ़ में अपना इलाज करवाने आते हैं।उनका यहां रहने और खाने पीने का कोई बंदोबस्त नहीं होता तो यह धार्मिक संस्थाएं उनके खाने पीने के भंडारे का इंतजाम करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन खुद तो मरीजों और उनके तीमारदारों की सहूलियत देता नहीं और अगर सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं इनके लिए कुछ करती है तो इनका चालान काट दिया जाता है। ल कृष्ण लाल ने चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया से मांग की है कि प्रशासन इन धार्मिक संस्थाओं की सहायता करे और लंगर बांटने वाली इन संस्थाओं को तंग न करे।

