IPS वाई पूरण कुमार आत्महत्या केस बना राष्ट्रीय मुद्दा / राहुल, प्रियंका गांधी, चिराग पासवान, हूडा, सुरजेवाला ने उठाया मुद्दा / प्रशासनिक फेरबदल के आश्वासन के साथ आज हो सकता है शव का पोस्टमार्टम!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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IPS वाई पूरण कुमार आत्महत्या केस बना राष्ट्रीय मुद्दा / राहुल, प्रियंका गांधी, चिराग पासवान, हूडा, सुरजेवाला ने उठाया मुद्दा / प्रशासनिक फेरबदल के आश्वासन के साथ आज हो सकता है शव का पोस्टमार्टम!*
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चंडीगढ़ ;- एडीजीपी वाई पूरण कुमार के शव का पोस्टमार्टम शनिवार को पीजीआई में हो सकता है। गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने उनकी पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार से बात की और राज्य सरकार के आश्वासन से अवगत कराया। इसके बाद अमनीत पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी हो गईं। माना जा रहा है कि सरकार कार्रवाई के तहत बड़ा प्रशासिनक फेरबदल कर सकती है। चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले के जांच अधिकारी डीएसपी उदयपाल को भी हटा दिया है। उनकी जगह डीएसपी चरणजीत सिंह विर्क को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। इससे पहले शुक्रवार को भी एडीजीपी वाई पूरण कुमार के शव का चौथे दिन पोस्टमार्टम व अंतिम संस्कार नहीं हो सका। उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार तभी होगा जब एफआईआर में संशोधन कर आरोपियों में डीजीपी शत्रुजीत कपूर व रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया का नाम स्पष्ट रूप से शामिल किया जाएगा और दोनों पर कार्रवाई होगी। हरियाणा सरकार शुक्रवार को पूरे दिन अमनीत को मनाने में लगी रही। अमनीत के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। चंडीगढ़ के डीजीपी डॉ. सागरप्रीत हुड्डा ने मामले की जांच के लिए आईजी पुष्पेंद्र कुमार के नेतृत्व में छह सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। पूरण कुमार के परिवार के एक सदस्य ने बताया, एफआईआर में कमजोर धाराएं लगाई गई हैं और आरोपियों का नाम भी स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने वादा किया था कि दोनों अधिकारियों पर बृहस्पतिवार शाम तक फैसला ले लिया जाएगा, मगर कुछ हुआ नहीं।
इस बीच मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने परिवार से मुलाकात की और उनसे अंतिम संस्कार की अनुमति देने का आग्रह किया। मगर वे राजी नहीं हुए और उनके माध्यम से सरकार को बता दिया है कि दोनों अधिकारियों पर पहले कार्रवाई की जाए। शुक्रवार को पूरे दिन वाई पूरण के घर पर दलित समुदाय से जुड़े नेता, अधिकारियों व सामाजिक संगठन के लोगों को आना-जाना लगा रहा। उल्लेखनीय है कि चंडीगढ़ पुलिस ने वीरवार रात वाई पूरण कुमार के फाइनल नोट के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी, मगर इसमें आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है।
आईपीएस अधिकारी एडीजीपी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद अब चंडीगढ़ पुलिस ने जांच की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। डीजीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा ने इस मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी कमान आईजी पुष्पेंद्र कुमार के हाथों में सौंपी है। टीम में शामिल अधिकारियों में एसएसपी कंवरदीप कौर, एसपी सिटी के.एम. प्रियांका (आईपीएस), डीएसपी ट्रैफिक चरणजीत सिंह विर्क, डीएसपी साउथ गुरजीत कौर, थाना सेक्टर-11 प्रभारी जयवीर राणा हैं।
डीजीपी ने दिए निष्पक्ष जांच के निर्देश…डीजीपी डॉ. सागर प्रीत हुड्डा ने टीम को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार, एसआईटी जल्द ही बयान दर्ज करने और सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने बृहस्पतिवार को हरियाणा के मुख्य सचिव से राज्य के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी की आत्महत्या के मामले में सात दिनों के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट तलब की है। यह रिपोर्ट मृतक अधिकारी के सुसाइड नोट में लगाए गए जातिगत भेदभाव के आरोपों को लेकर मांगी गई है। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने मंगलवार को अपने घर चंडीगढ़ में खुद को गोली मार ली थी।
दिवंगत आईपीएस वाई पूरण कुमार की आत्महत्या का मामला तूल पकड़ने लगा है। राष्ट्रीय स्तर पर कई नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस मामले में भाजपा सरकार को घेरा है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा राज दलितों के लिए अभिशाप बन गया है। जब ऊंचे ओहदे पर बैठे दलितों का यह हाल है तो सोचिए आम दलित समाज किन हालात में जी रहा होगा। वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सीएम को पत्र लिखकर कर निष्पक्ष जांच की मांग की है। पूर्व सीएम भूपेंद्र हूडा, सांसद सूरजेवाला, सांसद वरुण चौधरी, सांसद शैलजा तथा दीपेन्द्र हूडा ने भी सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी प्रकट की।

