फर्जी मेजर को चंडीगढ क्राइम पुलिस ने किया गिरफ्तार /नौकरी दिलाने के नाम पर करता था ठगी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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फर्जी मेजर को चंडीगढ क्राइम पुलिस ने किया गिरफ्तार /नौकरी दिलाने के नाम पर करता था ठगी!*
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चंडीगढ़ ;- देश मे नकली DC, नकली SP जैसे बहुत से फ्राड्डी पुलिस द्वारा पकड़े जा रहे हैं।इस कड़ी में चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने खुद को सेना का मेजर बताकर चंडीगढ़ पुलिस पर धौंस जमाने वाले एक शातिर को गिरफ्तार किया है। आरोपी मूलरूप से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का रहने वाला गणेश भट्ट है। चालाक शातिर क्राइम ब्रांच थाना सेक्टर-11 के एक पूर्व इंस्पेक्टर अशोक कुमार की सरकारी गाड़ी और गनमैन का इस्तेमाल करता था। पुलिसकर्मी उसे अफसर समझकर सैल्यूट मारते थे। शातिर आरोपी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी कर चुका है।पुलिस जांच में सामने आया है कि गणेश भट्ट ने सेक्टर-11 थाने की एक महिला सिपाही से पांच लाख रुपये और एक सोने की अंगूठी ले ली थी। आरोपी ने महिला सिपाही को खुद को मेजर बताकर विश्वास में लिया था। सूत्रों के अनुसार, इन पांच लाख रुपये में से एक लाख रुपये पूर्व इंस्पेक्टर के खाते में भी ट्रांसफर हुए थे, जिसके बाद उस इंस्पेक्टर का आईआरबी में तबादला कर दिया गया। आरोपी के मोबाइल की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। उसके पास वर्दी में हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं के साथ खिंचवाई हुईं तस्वीरें मिली हैं। वह इन तस्वीरों का इस्तेमाल अपनी धौंस जमाने के लिए करता था। इसके अलावा उसने अपने फोन में कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और नेताओं के नंबर भी फर्जी तरीके से सेव कर रखे थे ताकि वह छोटे पुलिसकर्मियों पर अपना रौब जमा सके। वह अक्सर उनके तबादले करवाने की बात कहकर दबाव बनाता था।
एसपी क्राइम जसबीर सिंह को शक होने पर इंटरनल जांच करवाई तो पता चला कि शातिर आर्मी का मेजर नहीं है। इसके बाद उन्होंने आरोपी के खिलाफ तुरंत सीक्रेट एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। यह एफआईआर करीब एक महीने पहले दर्ज हुई थी।
क्राइम ब्रांच की टीम ने एसपी जसबीर सिंह के नेतृत्व में आरोपी को वीरवार देर रात पंचकूला से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने टीम के साथ मारपीट भी की और भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे धर दबोचा। जिन पुलिसकर्मियों ने कभी उसे मेजर समझकर सैल्यूट मारा था, उन्होंने ही उसे गिरफ्तार किया। पुलिसकर्मियों का मेडिकल भी कराया गया जिसमें चोट लगने की पुष्टि हुई है। आरोपी गणेश भट्ट के खिलाफ सिर्फ चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि पंचकूला और मेरठ में भी धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। 19 अप्रैल 2023 को मेरठ में उसे मिलिट्री इंटेलिजेंस ने फर्जी मेजर बनकर घूमते हुए पकड़ा था। उसके पास से आर्मी की वर्दी और अन्य सामान भी बरामद हुआ था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया था कि वह नौकरी दिलवाने के नाम पर लोगों से पैसे लेता था। इसके अलावा वह लड़कियों से वीडियो कॉल पर भी आर्मी की वर्दी में बात करता था ताकि वह खुद को असली मेजर साबित कर सके। एक वर्दी पर गणेश कुमार और दूसरी पर गणेश दहिया लिखा था। सूत्रों ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी ने खुद को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के खिलाफ याचिका भी दायर की थी जिसमें उसने अपनी जान को खतरा बताया था।

