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महाभियोग और धनखड़ के इस्तीफे के बीच LS स्पीकर से मिले गृहमंत्री अमित शाह, अब किसकी गिरेगी विकेट?*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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महाभियोग और धनखड़ के इस्तीफे के बीच LS स्पीकर से मिले गृहमंत्री अमित शाह, अब किसकी गिरेगी विकेट?*
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चंडीगढ़ ;- सोमवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ। उसके पहले ही दिन रात करीब 9.30 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अचानक इस्तीफा दे दिया। माना जा रहा है कि राज्यसभा में धनखड़ के व्यवहार से केंद्र नाराज था।उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद देश की सियासत में कयासों का दौर जारी है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब संसद के दोनों सदन भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे न्यायाधीश यशवंत वर्मा को उनके पद से हटाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने की तैयारी कर रहे हैं।जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाने का नोटिस लोकसभाध्यक्ष को सौंपे जाने के कुछ घंटों बाद, वरिष्ठ मंत्रियों ने सोमवार को संसद परिसर स्थित बिरला के कार्यालय में भी उनसे मुलाकात की थी। तब संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि विभिन्न दलों के 152 सांसदों ने नोटिस पर हस्ताक्षर किए हैं।
राज्यसभा में विपक्ष ने दिया था प्रस्ताव
इसी तरह के एक प्रस्ताव के लिए विपक्ष द्वारा पेश एक नोटिस को राज्यसभा में भी स्वीकार किया गया था। कहा जा रहा है कि सभापति धनखड़ ने विपक्षी दलों के नोटिस को स्वीकार कर उस पर आगे की कार्यवाही के लिए राज्सयभा के महासचिव को निर्देश भी दे दिया था। बड़ी बात यह है कि उस प्रस्ताव पर विपक्ष के सांसदों के दस्तखत थे, एनडीए के सांसदों के नहीं।
सूत्र बता रहे हैं कि धनखड़ के इसी कदम की वजह से केंद्र सरकार उनसे नाराज हो गई, जिसकी वजह से उनके द्वारा बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में न तो जेपी नड्डा पहुंचे और न ही संसदीय कार्य मंज्ञी किरेन रिजिजू पहुंचे। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि धनखड़ को इन्हीं राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से पद छोड़ना पड़ा। अब महाभियोग प्रस्ताव पर दोनों सदनों के मिलकर काम करने की उम्मीद है। हालांकि, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि इस प्रस्ताव को निचले सदन में पेश किए जाने की संभावना ज्यादा है। अमित शाह की मुलाकात का मकसद भी यही बताया जा रहा है। सरकार चाहती है कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग पेश कर सरकार के खाते में एक और उपलब्धि अर्जित की जाए।

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