भारत देश की जनता में चीनी सामान का बहिष्कार
भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम के सीमा बिबाद को लेकर जहाँ सीमा पर बिबाद लगातार बढ़ता जा रहा है और चीन अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है इसके विरोध में पूरे भारत देश की जनता में चीनी सामान का बहिस्कार करने की मांग जोर पकड़ रही है ऐसे में चीनी सामान के बहिस्कार की एक पहल हो रही है मथुरा में भगवान् कृष्ण जन्माष्टमी से जिसमे मथुरा वृन्दाबन के सभी प्राचीन मंदिरों सहित स्थानीय लोग चीनी सामान का कर रहे है बहिस्कार और नहीं होगा किसी भी घर और मंदिरों के साथ दुकानों पर चीनी सामान का इस्तेमाल
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का दिन स्वतंत्रता दिवस होने के कारण और खास हो गया है इन दोनों उत्सव को खास बनाने के लिए इस बार भगवान श्री बांके बिहारी की नगरी मथुरा के वासियों ने सभी प्रकार के चाइनीज आइटम के बहिष्कार का फैसला लिया है कथा व्यास हो या फिर मन्दिर के सेवायत पुजारी इनके अलावा स्थानीय दुकानदारों और श्रद्धालुओं सभी ने भगवान श्री कृष्ण के श्रृंगार और पोशाक आदि सामान के साथ मंदिरों और घरों की सजावट के लिए स्वदेशी चीजों के इस्तेमाल करने की ठान लिया है इसके चलते मथुरा वृंदावन के बाजारों में चीन निर्मित साज सज्जा के सामान इस बार दिखाई नही दे रहे है। जन्माष्टमी के अवसर पर स्वदेश प्रेम की एक अलग ही भावना यहां के स्थानीय ब्रजवासियों और यहां आने वाले श्रद्धालुओं के दिलों में दिखाई दे रही है भारत और चीन के बीच उपजे खटास के माहौल में कृष्ण भक्तों के मन में देशभक्ति का जज्बा सुदृढ़ कर दिया है उसी का असर है कि अब ब्रज के जितने भी कथाव्यास और भागवताचार्य है वह अपनी कथाओं में श्रोता के रूप में बैठे हजारों लोगों को चाइनीज आइटमो का बहिष्कार कर चीन को करारा जबाब देने का संकल्प दिला रहे है।वृंदावन के जगप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर मथुरा के श्री कृष्ण जन्म स्थान मंदिर इनके अलावा प्रेम मंदिर इस्कॉन मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों के सेवायत गोस्वामी प्रबंधकों आदि ने भी बताया कि उनके मंदिरों में किसी भी प्रकार के चाइना निर्मित वस्तु का श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के दौरान प्रयोग नहीं किया जाएगा भगवान के श्रृंगार की सामग्री हो या फिर उनकी पोशाक हो इसके अलावा मंदिरों की सजावट का कोई भी सामान क्यों ना हो वह इस बार चीन निर्मित नहीं होगा सभी लोग एक सुर में चीन निर्मित वस्तुओं के पूर्णता बहिष्कार की बात करते नजर आ रहे है साथ ही उन्होंने देश भर की जनता और श्रद्धालुओं से भी अपील की है कि वह राष्ट्रहित में चीनी निर्मित सामानों का बहिष्कार करें।मंदिरों के अलाबा बाजारों में भी चीनी आइटमों के खिलाफ दुकानदारों और खरीदारों दोनों में ही खासा आक्रोश है ना तो दुकानदार चाइना का माल इस बार बेचने के लिए मंगा रहे हैं वही वृन्दावन में आकर भगवान के साथ श्रृंगार मुकुट हिसाब आदि की खरीददारी करने वाले श्रद्धालु भी किसी प्रकार की चीनी निर्मित वस्तुओं की मांग नहीं कर रहे हैं वे यही कहते नजर आ रहे है कि जो चीन हमारे देश के खिलाफ है और हम उसके सामान को कभी नहीं खरीदेंगे