पूर्व मुख्यमंत्री हूडा ने कहा पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस, बजट सत्र में जनहित के उठाएंगे मुद्दे*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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पूर्व मुख्यमंत्री हूडा ने कहा पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस, बजट सत्र में जनहित के उठाएंगे मुद्दे*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस आने वाले विधानसभा सत्र में पेपर लीक, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाएगी। एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं और बीजेपी माफिया को संरक्षण दे रही है। इस सरकार के दौरान बोर्ड की परीक्षाओं से लेकर भर्ती तक हरेक पेपर में घोटाले हुए हैं।उन्होंने कहा कि अब तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक कि हाईकोर्ट ने खनन घोटाले पर सरकार को आइना दिखाया है। बावजूद इसके सरकार कितने बड़े घोटाले पर पर्दा डालने में लगी है। भ्रष्टाचार की तरह प्रदेश में बेरोजगारी और अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित आवास पर पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि बजट से जनता को कोई उम्मीद नहीं है। पिछले 10 साल में बीजेपी ने प्रदेश पर कर्ज बढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं किया। बीजेपी ने अपने किसी भी चुनावी वादे को अमलीजामा नहीं पहनाया। 10 साल के कार्यकाल में बीजेपी ने हरियाणा में ना कोई बड़ा उद्योग, ना ही कोई बड़ी परियोजना, ना कोई बड़ी यूनिवर्सिटी, ना कोई मेडिकल कॉलेज या अन्य बड़ा संस्थान स्थापित किया। भाजपा जनता के विश्वास पर कुठाराघात कर रही है।निकाय चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने बैलेट पेपर से वोटिंग करवाने की मांग की थी। इसके विपरीत चुनाव आयोग ने ईवीएम से वीवीपीएटी को भी हटा दिया, जो सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की उल्लंघना है। आज अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन पर को मैनुपुलेट किया जा सकता है।हुड्डा ने पीएम फसल बीमा योजना के तहत होने वाले भुगतान में आई गिरावट पर कहा कि योजना तहत बीमा दावों के भुगतान पर में साल 2023-24 के दौरान 90 प्रतिशत की भारी गिरावट हुई है। 2022-23 में हरियाणा के किसानों को ₹2,496.89 करोड़ का भुगतान हुआ। 2023-24 में केवल ₹224.43 करोड़ ही मिले। इसी तरह देशशभर में किसानों के बीमा दावों का भुगतान 2022-23 के ₹18,211.73 करोड़ से घटकर 2023-24 में ₹15,504.87 करोड़ रह गया है।