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भाजपा में शामिल होते ही अध्यक्षा जींद जिला परिषद की कुर्सी बची/ मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव असफल*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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भाजपा में शामिल होते ही अध्यक्षा जींद जिला परिषद की कुर्सी बची/ मनीषा रंधावा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव असफल*
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जींद ;- जिला परिषद अध्यक्षा मनीषा रंधावा के भाजपा में शामिल होते ही उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पूरी तरह से असफल हो गया। सोमवार को प्रस्ताव पर मतदान होना था, लेकिन विरोधी गुट का एक भी पार्षद वोटिंग के लिए नहीं पहुंचा। 30 मिनट तक इंतजार करने के बाद, बैठक की अध्यक्षता कर रहे डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने प्रस्ताव को असफल घोषित कर दिया।
अब एक साल तक सुरक्षित रहेगी चेयरपर्सन की कुर्सी
नियमानुसार, अब अगले एक साल तक उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। मनीषा रंधावा के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा, क्योंकि विरोधी पार्षद भी भाजपा समर्थित ही थे। तीन बार टली बैठक, चौथी बार भी नहीं जुट पाया बहुमत
*13 दिसंबर: पहली बैठक डीसी की अनुपस्थिति के कारण स्थगित*
*22 जनवरी और 11 फरवरी: लगातार दो बार बैठकें रद्द हुईं*

*19 फरवरी: चौथी बैठक में भी विरोधी पार्षद अनुपस्थित रहे,* जिससे प्रस्ताव गिर गया
कैसे बची चेयरपर्सन की कुर्सी
जनवरी 2022 में मनीषा रंधावा जेजेपी के समर्थन से महज एक वोट से जिला परिषद अध्यक्षा बनी थीं। लेकिन पिछले साल उनके पति कुलदीप रंधावा जेजेपी छोड़कर कांग्रेस में चले गए। इसके बाद, 2 दिसंबर 2024 को 18 पार्षदों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग की। हालांकि, भाजपा के समर्थन से मनीषा रंधावा ने अपनी कुर्सी बचा ली।
अविश्वास प्रस्ताव असफल होने के बाद, विरोधी खेमें के मुख्य चेहरे वाइस चेयरमैन सतीश हथवाला ने कहा कि भाजपा नेतृत्व के निर्देश के कारण उन्होंने बैठक में भाग नहीं लिया। अब जब चेयरपर्सन भाजपा में शामिल हो चुकी हैं, तो सभी मिलकर जिले के विकास के लिए काम करेंगे।

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