आखिरकार भाजपा को जींद उपचुनाव में मिड्डा को ही देनी पड़ी टिकट*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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आखिरकार भाजपा को जींद उपचुनाव में मिड्डा को ही देनी पड़ी टिकट*
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जींद ;- जिस तरीके से भाजपा ने कृष्ण मिड्ढा को भाजपा पार्टी में शामिल किया था उससे तो ऐसा लगने लगा था कि कृष्ण मिड्ढा ही जींद उपचुनाव में भाजपा की तरफ से प्रत्याशी होंगे। परन्तु न जाने क्यो भाजपा कृष्ण मिड्ढा पर विश्वास न करके कोई और उम्मीदवार ढूढ़ने लग गयी। आज जींद विधानसभा उपचुनाव में प्रमुख पार्टियों में से बीजेपी ने सबसे पहले अपना उम्मीदवार मैदान में उतारकर पहले बाजी मार ली है। बीजेपी ने बहुत जद्दोजेहद के बाद पूर्व स्वर्गीय विधायक हरिचंद मिढ़ा के बेटे कृष्ण मिढ़ा को टिकट दी है। कृष्ण मिढ़ा कुछ समय पहले ही इनेलो को छोड़ बीजेपी में शामिल हुये थे। उस समय तो यही लग रहा था कि बीजेपी मिढ़ा को ही उपचुनाव के मैदान में उतारेगी लेकिन कुछ दिन पहले बीजेपी को लगा कि मिढ़ा कमजोर उम्मीदवार हो सकते हैं तो बीजेपी ने इधर – उधर नजर दोड़ाई तो उन्हें लगा कि पू्र्व मंत्री औऱ कांग्रेस नेता मांगे राम गुप्ता पर डोरे डाले गये। गुप्ता भी झटपट से दिल्ली की तरफ दौड़ लिये। दरअसल गुप्ता अपने पुत्र के लिये टिकट मांग रहे थे जो बीजेपी को गवारा नहीं था। इसी को लेकर मांगे राम गुप्ता का बीजेपी में शामिल होना होते होते रह गया। उसके पहले औऱ उसके बाद भी तकरीबर सभी पार्टियों ने गुप्ता से संपर्क किया। गुप्ता के बाद भी बीजेपी ने काफी माथापच्ची की लेकिन कोई उम्मीदवार ना मिला तो आखिरकार मिढ़ा पर दाव खेलना ही बीजेपी को वाजिब लगा औऱ कृष्ण मिढ़ा को जींद के मैदान में उतार दिया। दरअसल हरिचंद मिढ़ा का यहां काफी रसूख था जिसकी वजह से वो लगातार दो बार यहां से जीते थे। बीजेपी पिछली बार यहां दूसरे नंबर पर रही थी और बहुत कम वोटों से हारी थी, जिसकी वजह से बीजेपी को लगा कि एक तो अपना वोट औऱ दूसरा मिढ़ा का वोट तो ये जीत की दहलीज तक ले जायेगा। बीजेपी हर हाल में ये चुनाव जीतना चाहती है औऱ बीजेपी का पूरा नेतृत्व इस चुनाव में जोर लगा रहा है। देखना होगा कांग्रेस, इनेलो औऱ जेजेपी किन उम्मीदवारों पर भरोसा जताती हैं तभी पता चलेगा कि कौन बाजी मार सकता है।