*लोकसभा में पूर्ण बहुमत न मिलने से मोदी और भाजपा हुई कमजोर/ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने खुद तोडे अपने कायदे-कानून / हरियाणा CM की रेस में तीन दावेदार!*
*राणा ओबराय*
*राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,*
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*लोकसभा में पूर्ण बहुमत न मिलने से मोदी और भाजपा हुई कमजोर! / विधानसभा चुनाव में भाजपा ने खुद तोडे अपने कायदे-कानून! / हरियाणा CM की रेस में तीन दावेदार!*
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हरियाणा में जो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हुआ। क्या कुछ वैसा ही मौजूदा सीएम नायब सिंह सैनी के साथ होगा?। विधानसभा 2024 के पहले ऐसी अटकलें हैं कि बीजेपी अगर राज्य में विस चुनाव जीत जाती है तब वह मुखिया को बदल सकती है। वैसे, फिलहाल यह साफ नहीं है कि अगर नायब सिंह सैनी सीएम नहीं होंगे तो फिर उनकी जगह किसे प्रदेश की सबसे बड़ी गद्दी पर बिठाया जाएगा।
सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि यह राह इतनी आसान नहीं है। 90 विस सीटों वाले प्रदेश में बीजेपी से ही कई दिग्गज नेता सीएम पद के लिए दावेदारी पेश कर चुके हैं। सामान्य स्थिति में बीजेपी में ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि नेता खुद को सीएम के रूप में पेश करें। हालांकि, इस चुनावी राज्य का मसला पूरा अलग है। वहां कई ऐसे दिग्गज भाजपाई हैं। जो खुद को तगड़ा सीएम दावेदार मानते हैं. नायब सिंह सैनी को सीएम बनाए जाने के बाद के बाद बीजेपी के कुछ नेता खफा हो गए थे। वे मनोहर लाल खट्टर के बाद खुद को सीएम की पोस्ट पर देखना चाहते थे. ऐसे नेताओं में अनिल विज सबसे आगे थे। वह हरियाणा बीजेपी में बड़ा नाम माने जाते हैं. उन्होंने तब नाराजगी भी जाहिर की थी.
इतना ही नहीं, तब ऐसी खबरें भी आई थीं, जिनमें यह कहा गया था कि नाराज अनिल विज पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। हालांकि, मनोहर लाल खट्टर के साथ कई राउंड की बैठकों के बाद अनिल विज बीजेपी में रहे पर विस चुनाव आते ही उन्होंने दबी इच्छा फिर जाहिर कर दी। अंबाला कैंट से छह बार एमएलए और पूर्व मंत्री अनिल विज (71) कई मंचों से सीएम बनने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि अब तक पार्टी से कुछ नहीं मांगा पर वरिष्ठता की वजह से सीएम पद की दावेदारी पेश करते हैं. अगर वह मुख्यमंत्री बनते हैं तो प्रदेश की तकदीर और तस्वीर बदल देंगे।
बात सिर्फ अनिल विज तक ही नहीं सीमित है। सूबे के सीएम के लिए गुरुग्राम लोकसभा सीट से सांसद और सीनियर भाजपा नेता इंद्रजीत सिंह ने भी हाल ही में इच्छा जाहिर की। उन्होंने हाल ही में एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में खुद की प्रदेश सरकार में खुद की उपेक्षा होने की बात कही थी और मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की थी। वह बोले थे, “जनता जानती है कि सरकार बनवाने के बावजूद उनको प्रतिनिधित्व नहीं मिलता और उनकी लगातार उपेक्षा हुई है.”
*हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने खुद तोड़े कायदे-कानून*
हरियाणा विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर अनुशासित भाजपा ने खुद के बनाये कायदे कानून तोड़ दिए। भाजपा हमेशा परिवार वाद के खिलाफ रही हैं। कांग्रेस पर हमला बोलती रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की हरियाणा में पांच सीट कम हो गयी। इससे भाजपा घबरा गई। इसी कारण हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक ही परिवार के दो-दो लोगो को टिकट दे दी। जो पहले नही दी जाती थी।
*अब है नए हालात*
हरियाणा बीजेपी में सीएम के नाम की कवायद तब शुरू होगी, जब वह सत्ता में कमबैक करेगी. हालांकि, बीजेपी के लिए यह काम पहले जितना सरल नहीं है. राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस से बीजेपी को कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है, जबकि प्रदेश में आप की एंट्री ने चुनाव को त्रिकोणीय एंगल दिया है. अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ के सीनियर नेता मनीष सिसोदिया को हाल में मिली जमानत ने पार्टी में नया जोश भरा है।