विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कहलाने वाली भाजपा की हरियाणा में क्यों हुई ऐसी दुर्दशा! टिकटों को लेकर आलाकमान को छोटे- बड़े सभी नेता दिखाने लगे है आंख!
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कहलाने वाली भाजपा की हरियाणा में क्यों हुई ऐसी दुर्दशा! टिकटों को लेकर आलाकमान को छोटे- बड़े सभी नेता दिखाने लगे है आंख!
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हरियाणा की राजनीति में जिस तरह से बड़ी तेजी से भाजपा का उदय हुआ शायद उसी तरह भाजपा का अंत भी होने जा रहा है। 2019 तक भाजपा सिद्धान्तवादी पार्टी मानी जाती थी। क्योंकि इसमें दूसरे दलों से आये नेताओ का वर्चस्व कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। पहले भाजपा की एक परिवार एक टिकट का सिद्धांत था। जिसकी प्रभावी नेताओं ने हवा निकाल दी है। क्योंकि हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए खुद भाजपा ने सभी पूर्व निर्धारित नियमों को ताक पर रख छोड़ा है। कांग्रेस पर दलबदल को लेकर हंगामा करने वाली भाजपा अब खुद ही दलबदल को संरक्षण और प्रोत्साहन देने वाली अग्रणी पार्टी बन गयी है। इसका ताजा उदाहरण किरण चौधरी और रणजीत सिंह है, जिसको दलबदल कानून से बचाए रखने के लिए विधानसभा स्पीकर ने कथित रूप से सभी कायदे कानूनों को दरकिनार किया। आज सत्ता पाने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा हर हथकंडा अपना रही है। किसी को ईडी का तो किसी को सीबीआई का डर दिखाने के भी भाजपा पर आरोप लग रहे है।
कितनी बड़ी बात है कि केंद्रीय मंत्री राव इंदरजीत सिंह ने पार्टी पर अपनी बेटी की टिकट के लिए दबाव बनाने के लिए प्रधानमंत्री से मुलाकात का समय भी छोड़ दिया। राव ने साबित कर दिया कि वह भाजपा के रहमोकरम पर नही बल्कि मोदी सहित भाजपा उनके रहमोकरम पर है। इंदरजीत सिंह ने पिछले 2019 के चुनाव में भी अपनी बेटी आरती राव के लिए राजनैतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी थी। इस बार तो यह भी चर्चा चली कि अगर आरती राव को अटेली से भाजपा ने टिकट न दी तो वो
कांग्रेस में शामिल होकर चुनाव लड़ेगी? अर्थात टिकट के लिए भाजपा पर पूरा दबाव बनाया गया। जिसका असर यह हुआ कि कि भाजपा इस बार आरती राव को चुनावी मैदान में उतार रही है। भाजपा को भय है कि राव की नाराजगी उनको दक्षिण हरियाणा में महंगी न पड़ जाए। इन्ही की देखादेखी इसबार सांसद धर्मबीर सिंह अपने बेटे मोहित चौधरी के लिए भी टिकट मांग रहे हैं। भाजपा ने किरण चौधरी का राज्यसभा में भेज कर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। अब किरण चौधरी अपनी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी के लिए तोशाम से टिकट मांग रही है और इस टिकट को पक्का भी माना जा रहा है। वहीं कुरूक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल भी अपनी माता सावित्री जिंदल के लिए हिसार से भाजपा से टिकट की मांग कर रहे हैं।सावित्री जिंदल हिसार से कांग्रेस की विधायक रह चुकी है और हुड्डा मंत्रिमंडल में मंत्री भी रही हैं। प्रवासी कुलदीप बिश्नोई, नवीन जिंदल, धर्मबीर सिंह जैसे नेताओं के दबाव में आकर भाजपा अपना मूल असिस्त्व खोने पर मजबूर होती जा रही है।