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(आरक्षित) मुलाना तथा नारायणगढ़ विधानसभा में क्षेत्रीय दल कमजोर नही!/ चोकाने वाले हो सकते हैं परिणाम!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खीज/भारतीय न्यूज,
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(आरक्षित) मुलाना तथा नारायणगढ़ विधानसभा में क्षेत्रीय दल कमजोर नही!/ चोकाने वाले हो सकते हैं परिणाम!*
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यमुनानगर ;- विधानसभा चुनाव को लेकर यदि बात करें *मुलाना* (आरक्षित) विधानसभा सीट की तो यहां कांग्रेस के पूर्व फूलचंद मुलाना का दबदबा रहा है। यहां से वह खुद भी विधायक और मंत्री रहे हैं तो उनके बाद बेटे वरुण चौधरी भी यहां से विधायक बने। अब वह सांसद भी चुने गए हैं। इस सीट पर इनेलो का भी प्रभाव रहा है। वर्ष 2009 में यहां से इनेलो से राजबीर सिंह इस सीट पर विधायक बने थे। वर्ष 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा से संतोष सारवान ने जीत दर्ज कराई थी तो दूसरे स्थान पर इनेलो से राजबीर सिंह रहे थे। इसी प्रकार वर्ष 2019 में कांग्रेस की टिकट पर यहां से वरुण चौधरी ने जीत दर्ज कराई थी तो इनेलो छोड़कर भाजपा में आए राजबीर सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे।
यदि इसी प्रकार *नारायणगढ़* विधानसभा की बात करें तो यहां पर भी इनेलो का प्रभाव रहा है। वर्ष 2009 में यहां से रामकिशन गुर्जर कांग्रेस से जीते थे तो दूसरे नंबर पर इनेलो से राम सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे। अब यहां से बसपा और इनेलो ने हरबिलास रज्जूमाजरा का अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में इनेलो और बसपा की इस सीट पर काफी महत्ता देखी जा सकती है। इस बार यहां से कांग्रेस की मौजूदा विधायक शैली चौधरी मैदान में दावेदारी पेश कर रहीं हैं। वहीं, वर्ष 2014 में मोदी लहर में सीएम नायब सैनी भी यहां पर एक बार विधायक बन चुके हैं। इसके बाद वर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर इस सीट पर वापसी की थी।

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