मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद CBI-ED केस में मिली बेल/ सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जमानत नियम और जेल अपवाद/ आज जेल से बाहर आ सकते हैं सिसोदिया*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मनीष सिसोदिया को 17 महीने बाद CBI-ED केस में मिली बेल/ सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जमानत नियम और जेल अपवाद/ आज जेल से बाहर आ सकते हैं सिसोदिया*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
नई दिल्ली ;- दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब नीति केस में पिछले साल 26 फरवरी को CBI ने और फिर 9 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था।
दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब नीति केस में पिछले साल 26 फरवरी को CBI ने और फिर 9 मार्च को ED ने गिरफ्तार किया था।
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (9 अगस्त) को जमानत दे दी। सिसोदिया 17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े CBI और ED, दोनों केस में राहत मिली है।
CBI ने भ्रष्टाचार केस में सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। ED ने 9 मार्च, 2023 में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने 28 फरवरी, 2023 को मंत्री पद से इस्तीफा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा- केस में अब तक 400 से ज्यादा गवाह और हजारों दस्तावेज पेश किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में केस खत्म होने की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है। ऐसे में सिसोदिया को हिरासत में रखना उनके स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
सिसोदिया आज शाम तक जेल से बाहर आ सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट की ऑर्डर कॉपी राउज रेवेन्यू कोर्ट भेजी जाएगी। वहां सिसोदिया को 10-10 लाख का बेल बॉन्ड भरना होगा। फिर रिलीज ऑर्डर तिहाड़ जेल भेजा जाएगा। इसके बाद सिसोदिया बाहर आएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथ की बेंच ने सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुनाया है। बेंच ने तीन दिन पहले 6 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया था। सिसोदिया ने जमानत पर दोबारा विचार करने की याचिका लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाने से पहले जमानत को लेकर अब तक की गई कार्यवाही के बारे में बताया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CBI मामले में 13 और ED मामले में 14 अर्जियां दाखिल की गई थीं। ये सभी अर्जियां निचली अदालत ने मंजूर की थी।
निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था की मनीष की अर्जियों की वजह से ट्रायल शुरू होने में देरी हुई, वो सही नहीं है। हम नहीं मानते कि अर्जियों की वजह से ट्रायल में देरी हुई। इस मामले में ED ने भी 8 चार्जशीट दाखिल किए। ऐसे में जब जुलाई में जांच पूरी हो चुकी है तो ट्रायल क्यों नहीं शुरू हुआ। हाई कोर्ट और निचली अदालत ने इन तथ्यों को अनदेखा किया।
*सुप्रीम कोर्ट ने ASG की अपील नहीं मानी*
ED-CBI का पक्ष रख रहे ए़डिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू (ASG) ने कोर्ट में सिसोदिया पर जमानत के दौरान कुछ पाबंदी लगाने की मांग की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि सिसोदिया पर अरविंद केजरीवाल केस की तरह शर्तें लगाई जाएं।
ASG ने सिसोदिया को मुख्यमंत्री कार्यालय और सचिवालय में एंट्री पर रोक लगाने की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे रिजेक्ट कर दिया। बेंच ने कहा कि स्वतंत्रता का मामला हर दिन मायने रखता है, इसलिए हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे सिसोदिया
दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 मई, 2024 को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार किया था। इसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा था कि 2023 अक्टूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है।
दिल्ली हाईकोर्ट से पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने 30 अप्रैल को उन्हें जमानत नहीं दी थी। ट्रायल कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका इससे पहले भी कई बार खारिज हो चुकी थीं।
कब-कब खारिज हुईं सिसोदिया की जमानत याचिका
28 अप्रैल 2023 : ED केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की।
31 मार्च 2023 : CBI केस में जमानत याचिका को खारिज की।
3 जुलाई 2023 : दिल्ली हाईकोर्ट ने ED केस में जमानत याचिका खारिज की।
30 मई 2023 : CBI केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज की।
30 अक्टूबर 2023 : ED केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।
सिसोदिया को जमानत मिलने पर रो पड़ीं आतिशी
सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आतिशी एक कार्यक्रम के दौरान भावुक हो गईं। –
सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आतिशी एक कार्यक्रम के दौरान भावुक हो गईं।
दिल्ली की मंत्री और आप नेता आतिशी सिसोदिया को जमानत मिलने पर भावुक हो गईं। आतिशी द्वारका के नसीरपुर में एक स्कूल का उद्घाटन करने पहुंची थीं। इस दौरान उन्हें सिसोदिया के जमानत की खबर मिली। तभी कार्यक्रम में भाषण देने के दौरान वो रोने लगीं।
उन्होंने कहा- दिल्ली के शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया को एक झूठे केस में फंसाकर 17 महीने तक जेल में रखा गया। आज का दिन भारत के शिक्षा व्यवस्था के इतिहास के तौर पर याद किया जाएगा। आज सच्चाई की जीत हुई। आज शिक्षा और दिल्ली के बच्चों की जीत हुई।
सिसोदिया की पत्नी बोलीं- रात 9 बजे तक पहुंचेंगे घर
सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद उनके घर पर भी खुशी का माहौल है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद परिवार के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं। सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया ने बताया कि आप नेता आज रात 9 बजे तक घर पहुंचेंगे।
सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद उनके आवास पर पत्नी सीमा को मिठाई खिलाते परिजन। –
सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद उनके आवास पर पत्नी सीमा को मिठाई खिलाते परिजन।
संजय सिंह बोले- ये केंद्र सरकार की तानाशाही पर तमाचा
AAP सांसद संजय सिंह ने सिसोदिया की जमानत मिलने के बाद कहा- ये सत्य की जीत है। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, इस मामले में कोई सबूत नहीं है। हमारे नेताओं को जबरन जेल में डाला गया।
संजय सिंह ने कहा- मनीष सिसोदिया को 17 महीने तक जेल में रखा गया। मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूं कि हमें न्याय मिला और फैसला AAP के पक्ष में आया है। हर कार्यकर्ता उत्साहित है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन भी जल्द जेल से बाहर आएं। ये केंद्र सरकार की तानाशाही पर तमाचा है।
शराब नीति घोटाला और सिसोदिया का कनेक्शन, 5 पॉइंट्स
1. नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई
दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।
17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।
2. जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाले का आरोप लगा
8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।
3. अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया
एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।
19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।
4. जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया
विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।
5. फरवरी 2023 में CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया
सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।