*ब्रिटेन में लेबर पार्टी को मिला बहुमत, किएर स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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*ब्रिटेन में लेबर पार्टी को मिला बहुमत, किएर स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय!*
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ब्रिटेन में लेबर पार्टी 14 साल बाद सत्ता में वापसी करने जा रही है. लेबर पार्टी सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 326 सीटों का आँकड़ा पार कर चुकी है.
किएर स्टार्मर के नेतृत्व में लेबर पार्टी 1997 वाली बड़ी जीत की तरफ़ बढ़ रही है.
लेबर पार्टी अब तक 411 सीटें जीत चुकी है जबकि मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कंज़र्वेटिव पार्टी 119 सीटें ही अभी तक जीत सकी है.
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री लेबर पार्टी के किएर स्टार्मर बनेंगे. स्टार्मर 2020 में जर्मी कोर्बिन की जगह लेबर पार्टी के नए नेता चुने गए थे।2019 के चुनाव में 650 सीटों वाली संसद में कंजर्वेटिव पार्टी को 364 सीटों पर जीत मिली थी और बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री बने थे. उसे पिछली बार की तुलना में 47 सीटों का फ़ायदा हुआ था. लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल उलट है.
ब्रिटेन में सरकार बनाने के लिए 326 सीटों का आँकड़ा पार करना होता है.
2019 के चुनाव में विपक्षी लेबर पार्टी की सीटों की संख्या घटकर 203 रह गई थी. यहाँ तक कि लेबर पार्टी अपनी कई पारंपरिक सीटें गँवा बैठी थी.
लेबर पार्टी की सबसे बड़ी जीत
टोनी ब्लेयर
इमेज स्रोत,GETTY IMAGES
इमेज कैप्शन,लेबर पार्टी को 30 साल पहले यानी 1997 में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली थी, तब टोनी ब्लेयर लेबर पार्टी के नेता थे
अगर एग्ज़िट पोल्स के अनुमान ठीक साबित हुए तो किएर स्टार्मर 410 लेबर सांसदों के साथ प्रधानमंत्री बनेंगे. ये जीत टोनी ब्लेयर के 1997 की ऐतिहासिक जीत से थोड़ी ही कम है.
लेबर पार्टी को 30 साल पहले यानी 1997 में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली थी. तब लेबर पार्टी के नेता टोनी ब्लेयर थे और 419 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कंजर्वेटिव पार्टी 165 सीटों पर सिमट गई थी.
एग्ज़िट पोल्स की मानें तो लेबर पार्टी को इस बार 410 सीटें मिल रही हैं यानी 1997 की तुलना में महज़ नौ सीटें ही कम हैं. अगर चुनावी नतीजे में लेबर पार्टी को 419 से ज़्यादा सीटें मिलती हैं तो यह उसकी अब तक की सबसे बड़ी जीत होगी. यानी किएर स्टार्मर टोनी ब्लेयर की 1997 की जीत का रिकॉर्ड तोड़ देंगे.
इस चुनाव में तीसरे नंबर पर लिबरल डेमोक्रेट्स हो सकते हैं, जिसे 61 सीटें जीतने का अनुमान है.
एग्जिट पोल्स के अनुसार, स्कॉटिश नेशनल पार्टी के की सीटों की संख्या घटकर 10 रह सकती है जबकि रिफॉर्म यूके को 13 सीटें मिलने का अनुमान है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक ने हार मान ली है. उन्होंने लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर को जीत के लिए बधाई भी दी है.
उन्होंने कहा, ”ब्रिटिश जनता ने गरिमापूर्ण फ़ैसला दिया है. इससे बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है. मैं हार की ज़िम्मेदारी लेता हूं.”
ऋषि सुनक ने यॉर्कशायर में रिचमंड सीट बरकरार रखी है. अपनी सीट जीतने के बाद उन्होंने कहा, ”लेबर पार्टी ने चुनाव जीत लिया है. मैंने किएर स्टार्मर को जीत की बधाई दी है.”
चुनाव में ख़राब प्रदर्शन को लेकर कंजर्वेटिव पार्टी के नेता अपने पार्टी की खुलकर आलोचना कर रहे हैं.
44 साल के ऋषि सुनक अक्टूबर 2022 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे. ऋषि के माता-पिता भारतीय मूल के हैं और वह ब्रिटेन के पहले ग़ैर-गोरे प्रधानमंत्री बने थे.
कंज़र्वेटिव पार्टी से 2019 में सांसद चुनी गईं डेहेना डेविडसन ने एग्ज़िट पोल्स के नतीज़ों के बाद कहा कि 14 साल तक सत्ता में रहने के बाद किसी भी सरकार का चुनाव जीतना ‘असाधारण’ होता है.
डेविसन इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं. वो कहती हैं कि उनकी पार्टी की “सबसे बड़ी ग़लती ये है कि उसे सत्ता में रहने की आदत हो गई है.”
उन्होंने सुझाव दिया कि कुछ कंजर्वेटिव सदस्यों को “आईना देखने की ज़रूरत है” और “एक हद तक ज़िम्मेदारी स्वीकार करने” की ज़रूरत है.
ब्रिटेन के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कंज़र्वेटिव पार्टी के नेता सर रॉबर्ट बकलैंड ने अपनी पार्टी की आलोचना की है.
सर रॉबर्ट बकलैंड आज हारने वाले पहले टोरी (कंज़र्वेटिव) नेता हैं और उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में बहुत से लोग “व्यक्तिगत एजेंडे और पद की होड़” पर फोकस कर रहे हैं, बजाय “उस काम पर फोकस करने के जिसके लिए वे चुने गए थे.”
बीबीसी से बात करते हुए सर रॉबर्ट ने कहा कि वह “परफॉर्मेंस आर्ट की राजनीति से तंग आ चुके हैं.”
उन्होंने कहा, “मैंने कंज़र्वेटिव पार्टी के अपने साथियों को पोज देते, भड़काऊ लेख लिखते और बेवकूफ़ी भरी बातें कहते देखा है. ये ऐसी बातें थीं जिसका उनके पास कोई सबूत नहीं है.”
ब्रिटेन पूर्व शिक्षा मंत्री और कंज़र्वेटिव नेता निकी मॉर्गन ने बीबीसी रेडियो 4 और 5 लाइव से कहा है, “आज की रात कंज़र्वेटिव पार्टी के लिए बहुत ही कष्ट देने वाली रात है.”
उन्होंने कहा, “मेरा यक़ीन है कि चुनाव ग्राउंड ज़ीरो से जीते जाते हैं. हमने लंबे समय से उस दिशा की ओर आगे ना बढ़ते हुए चुनाव लड़ा.”अगर ये एग्जिट पोल्स सही साबित हो गए तो यह लेबर पार्टी के लिए ये एक बड़ा बदलाव होगा.
कंज़र्वेटिव को भले ये ना लग रहा हो कि ओपिनियन पोल्स के दावों की तरह उनका पूरी तरह सूपड़ा साफ़ होने जा रहा है लेकिन उन्हें भी ये अनुमान ज़रूर था कि ये उनका सबसे बुरा प्रदर्शन होगा.
लेकिन एग्ज़िट पोल्स में जिस तरह की सीटों का अनुमान सामने आया है, उसमें कंज़र्वेटिव पार्टी को 241 सीटों पर नुक़सान हो रहा है जो उनके लिए बड़ा झटका है.
साल 2010 के बाद लेबर पार्टी के उम्मीदवार डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचेंगे और कंज़र्वेटिव्स को आगे की दिशा पर गंभीरता से विचार करते की ज़रूरत होगी.
पूर्व अटॉर्नी जनरल सर रॉबर्ट बकलैंड शुरुआती चुनाव परिणाम में हारने वाले पहले कंज़र्वेटिव सांसद हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया कि उनकी पार्टी “चुनावी युद्ध” का सामना कर रही है और लेबर की संभावित जीत “परिवर्तन के लिए एक बड़ा वोट” है.
लिबरल डेमोक्रेट नेता सर एड डेवी, जिनकी पार्टी तीसरे नंबर पर हो सकती है, उन्होंने कहा है, “ऐसा लगता है कि यह हमारी पीढ़ी का सबसे अच्छा परिणाम होगा.”सर किएर स्टार्मर को अप्रैल 2020 में लेबर पार्टी का नया नेता चुना गया था. स्टर्मर 61 साल के हैं. इससे पहले ब्रिटेन में विपक्षी लेबर पार्टी का नेतृत्व जर्मी कोर्बिन कर रहे थे. पेशे से वकील स्टार्मर पहली बार 2015 में सांसद बने थे.
लेबर पार्टी के नेता के चुनाव में स्टार्मर पहले ही राउंड में वोटों की गिनती में 50 फ़ीसदी से अधिक वोटों से आगे थे.
लेबर पार्टी के नेता बनने पर स्टार्मर ने कहा था, “उनका मक़सद था कि वो इस महान पार्टी को एक नई उम्मीद और विश्वास के साथ एक नए युग में लेकर जाएं.”
पार्टी की ओर से जारी किए गए एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा था, “यह मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात की है कि मुझे चुना गया और मैं उम्मीद करता हूं कि समय आने पर लेबर पार्टी एक बार फिर देश की सेवा कर सकेगी- सरकार बनाकर.”
साल 2015 में स्टार्मर उत्तरी लंदन में हॉबर्न और सेंट पैनक्रास से सांसद बने.
उन्होंने पूर्व लेबर नेता जर्मी कॉर्बिन की फ्रंटबेंच टीम में उनके ब्रेग्ज़िट सचिव के रूप में काम किया, जहाँ उन्होंने दूसरे ब्रेग्ज़िट चुनाव पर विचार किए जाने की बात कही थी. ब्रेग्ज़िट यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को अलग करने की प्रक्रिया थी.
साल 2019 के आम चुनाव में पार्टी की भारी हार के बाद सर किएर स्टार्मर ने लेबर नेता पद का चुनाव लड़ा और 2020 में पार्टी के नेता बने. जीत के बाद अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि वो लेबर को “विश्वास और आशा के साथ एक नए युग में ले जाएंगे।