राज्यसभा की सीट न मिलने पर भी क्या किरण और कुलदीप भाजपा में बने रहेंगे अथवा पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेन्द्र सिंह औऱ पूर्व सांसद ब्राजिन्दर सिंह की तरह कांग्रेस में करेंगे वापसी!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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राज्यसभा की सीट न मिलने पर भी क्या किरण और कुलदीप भाजपा में बने रहेंगे अथवा पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेन्द्र सिंह औऱ पूर्व सांसद ब्राजिन्दर सिंह की तरह कांग्रेस में करेंगे वापसी!*
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चंडीगड़ ;- हरियाणा की राजनीति में बड़ी पहचान रखने वाले और कांग्रेस से बगावत कर भाजपा नेता बने कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी राज्यसभा सीट पाने के ऐड़ी छोटी का जोर लगा रहे हैं। टिकट पाने के लिए दोनो जबरदस्त भाग दौड़ कर रहे हैं। जहाँ नेत्री किरण चौधरी अपने आपको राज्यसभा सीट के लिए आश्वस्त मान रही हैं तो वहीं कुलदीप बिश्नोई बेचैन दिख रहे है। राज्यसभा सीट के लिए किरण चौधरी को एक्टिव देख कुलदीप बिश्नोई कुछ ज्यादा परेशान दिखाई दे रहे हैं। राज्यसभा चुनाव की तारीख जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे ही दावेदारों ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। दोनो दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ दरबार तक लगातार चक्कर काटे जा रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई ने रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ चंडीगढ़ में मुलाकात की। मिली जानकारी के अनुसार कुलदीप बिश्नोई ने राज्यसभा के लिए CM सैनी को अपनी इच्छा से अवगत कराया और इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वहीं किरण चौधरी भी मुख्यमंत्री नायब सैनी और दिल्ली में भाजपा के बड़े बड़े नेताओं से लगातार संपर्क कर रही हैं। ऐसी आम चर्चा है कि किरण रास सीट के लिए कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आई हैं। यह भी सच्चाई है कि हरियाणा में राज्यसभा के लिए भाजपा के पास पूर्ण बहुमत है। भाजपा जिसे भी उम्मीदवार बनाएगी, उसका राज्यसभा में जाना तय है। क्योंकि संख्या बल कम होने के कारण कांग्रेस ने भाजपा उम्मीदवार के सामने अपना प्रत्याशी नहीं उतारने का निर्णय किया है। इसीलिए किरण चौधरी और कुलदीप बिश्नोई अपने राजनीतिक भविष्य को बचाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। हालांकि किरण चौधरी खेमा आश्वस्त है कि भाजपा चुनाव में किरण चौधरी को कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। चाहे वह राज्यसभा के रूप में हो या फिर कुछ और पद हो। वहीं कुलदीप बिश्नोई भाजपा आलाकमान पर अपना प्रेशर बनाने के लिए यह बताना चाह रहे हैं कि उनका सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, करनाल सहित 10 सीटों पर जबरदस्त प्रभाव है। जिसका आने वाले विधानसभा चुनावों पर असर देखने को मिलेगा। अब सवाल यह उठता है कि यदि किरण औऱ कुलदीप दोनों में से किसी को भी राज्यसभा की उम्मीदवारी नही मिली तो फिर क्या राजनीतिक समीकरण बनेंगे। क्या अति महत्वाकांक्षी दोनो नेता भाजपा में ही बने रहेंगे अथवा पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेन्द्र सिंह औऱ पूर्व सांसद ब्राजिन्दर सिंह की तरह कांग्रेस में वापिस लौट आएंगे। क्योंकी बीरेंद्र सिंह भी 2014 में कांग्रेस को बाय बाय करने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ही पुत्र व पत्नी सहित वह कांग्रेस में वापिस लौट आये।