मनोहरलाल का कद कम करने के लिए नायब सैनी की पीठ थपथपा गये अमित शाह! हरियाणा में खट्टर को अलग-थलग किया तो विधानसभा चुनावो में भाजपा को उठाना पड़ेगा खामियाजा?*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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मनोहरलाल का कद कम करने के लिए नायब सैनी की पीठ थपथपा गये अमित शाह! हरियाणा में खट्टर को अलग-थलग किया तो विधानसभा चुनावो में भाजपा को उठाना पड़ेगा खामियाजा?*
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चंडीगड़ ;- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पंचकूला में आयोजित एक कार्यक्रम में नई घोषणा करके विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर हरियाणा भाजपा की राजनीति को ही बदल दिया।हरियाणा भाजपा की विस्तारित कार्यकारिणी में कार्यकर्ताओं के समक्ष यह साफ कर दिया कि हरियाणा में सर्वेसर्वा सिर्फ औऱ सिर्फ नायब सैनी है औऱ राज्य में विधानसभा चुनाव भाजपा पार्टी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में लड़ेगी। क्या अमित शाह यह भूल गए कि विपरीत परिस्थितियों में भी मनोहरलाल खट्टर ने हरियाणा में भाजपा को आगे बढ़ाया था। बहुमत न होते हुए भी पूरे साढ़े चार वर्ष सफलता पूर्वक शासन चलाया था। यह भी सच है खट्टर को एक वर्ग बहुत चाहता है। यदि खट्टर को अलग -थलग किया तो भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव में खामियाजा उठाना पड़ सकता है। अब सवाल उठता है कि क्या नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में भाजपा की चुनावी नैया पार हो सकेगी। लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में कांग्रेस के पक्ष में बने सकारात्मक माहौल में भाजपा कार्यकर्ताओं को पंचकूला में अमित शाह से मिले उत्साह के बाद यह विश्वास तो हुआ है कि पार्टी पूरी गंभीरता से राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता यह मान रहे हैं कि उनके नेता हुड्डा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से ज्यादा लोकप्रिय है और रहेंगे। भाजपा के पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के उस बयान का भी अब कोई औचित्य नहीं रहा कि चार जून के बाद हरियाणा में एक और शपथग्रहण समारोह होगा। रामबिलास शर्मा के उस बयान को अब राजनीतिक और चुनाव में फायदा लेने वाला ही माना जा रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि अमित शाह ने नायब सैनी को पूर्व सीएम मनोहर लाल के साये से बाहर निकालने के लिए यह बयान दिया हो। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नायब सैनी बिना मनोहर लाल के एक भी पग आगे नहीं चलेंगे क्योंकि मनोहर लाल ने ही उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है। सैनी कोई चमत्कार भी बिना मनोहर लाल नहीं कर पाएंगे क्योंकि मनोहर लाल के पास संगठन और सरकार का खासा अनुभव है। तत्कालीन प्रदेश भाजपा प्रभारी डॉ अनिल जैन तो यह मानते थे कि यदि तब मनोहर लाल की जन-आशीर्वाद यात्रा नहीं निकलती तो दक्षिण हरियाणा के फरीदाबाद, गुड़गांव और जीटी रोड बेल्ट पर भाजपा पीछे रह जाती। खैर, अब अमित शाह से हरी झंडी मिलने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास भी मनोहर लाल जैसा चमत्कार दिखाने का मौका है। राजनीति के जानकार यह सोचते है कि अमित शाह खट्टर को कम पसंद करते हैं। इसलिए हरियाणा में मनोहरलाल का कद कम करने के लिए ही नायब सैनी की पीठ थपथपा गये है।