Wednesday, September 25, 2024
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जैसे ही केजरीवाल की सुप्रीम कोर्ट में लगी आवाज, पेश हुए वकील ने कोर्ट में कहा- हम वापिस ले रहे हैं जमानत याच‍िका*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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जैसे ही केजरीवाल की सुप्रीम कोर्ट में लगी आवाज, पेश हुए वकील ने कोर्ट में कहा- हम वापिस ले रहे हैं जमानत याच‍िका*
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नई द‍िल्‍ली ;- सुप्रीम कोर्ट में जैसे ही जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवी भट्टी की बेंच बैठी तो द‍िल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरव‍िंद केजरीवाल केस की आवाज लगी. केस की आवाज लगते ही अरव‍िंद केजरीवाल के वकील कोर्ट रूम में बेंच के सामने पेश हुए और उन्‍होंने कोर्ट को जानकारी दी क‍ि वह जमानत याच‍िका को वापस ले रहे हैं. आपको बता दें क‍ि द‍िल्‍ली शराब घोटाले मामले में सीबीआई ने बुधवार को अरव‍िंद केजरीवाल को ग‍िरफ्तार कर ल‍िया है और अब वह इस मामले में पूछताछ करेगी। दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में त‍िहाड जेल में बंद दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हाईकोर्ट से जमानत पर लगी रोक के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जैसे ही शुरू हुई. जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एसवी भट्टी की बेंच के सामने केजरीवाल के वकील पेश हुए और बताया क‍ि वह याच‍िका वापस ले रहे हैं। उन्‍होंने कहा क‍ि वह नए आधारों पर फिर से चुनौती देने के लिए याचिका वापस ले ली. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने फिर से 25 जून के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के लिए नई याचिका दाखिल करने की आजादी दी है. वहीं प्रवर्तन न‍िदेशालय (⁠ED) ने भी याचिका वापस लेने पर आपत्ति नहीं की।आपको बता दें क‍ि दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी. 20 जून को दिल्ली की एक अदालत ने मुख्यमंत्री को जमानत दे दी थी. इसके बाद ईडी तुरंत अगले ही दिन हाई कोर्ट पहुंच गई, जिसने अंतिम आदेश आने तक आदेश पर रोक लगा दी. अब न्यायमूर्ति जैन ने अपने अंतिम आदेश में कहा है कि निचली अदालत की अवकाश पीठ ने सारे तथ्यों को ठीक से नहीं देखा। उसे जमानत आवेदन पर बहस करने के लिए ईडी को समान अवसर देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि अन्य तर्कों पर रोस्टर बेंच द्वारा विचार किया जाएगा। हाईकोर्ट ने आदेश में क्‍या कहा?ईडी ने निचली अदालत में आदेश की घोषणा के बाद जमानत बॉन्ड पर हस्ताक्षर करने के लिए 48 घंटे की मोहलत मांगी थी. हालांकि ट्रायल कोर्ट ने ईडी की याचिका को खारिज कर दिया था. ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन और न्यायमूर्ति रविन्द्र डुडेजा की वेकेशन बेंच के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दलील दी थी. उन्होंने तर्क दिया था क‍ि मैं तत्काल रोक लगाने की मांग कर रहा हूं. कल रात 8 बजे आदेश सुनाया गया. आदेश अपलोड नहीं किया गया है. हमें जमानत का विरोध करने का भी अवसर नहीं दिया गया। उन्होंने कहा क‍ि मैं मांग कर रहा हूं कि आदेश पर रोक लगाई जाए और मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए. हमें मामले पर बहस करने का पूरा अवसर नहीं दिया गया. मैं पूरी गंभीरता के साथ यह आरोप लगा रहा हूं. सीएम केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कानूनी मिसालों का हवाला देते हुए रोक लगाने के अनुरोध का विरोध किया था। निर्देश दिया कि मामले की पूरी सुनवाई होने तक जमानत आदेश लागू नहीं किया जाना चाहिए. रिहाई पर रोक लगाते हुए पीठ ने कहा, ”जमानत आदेश लागू नहीं होगा। हमने अभी अंतिम आदेश पारित नहीं किया है। आप जितना चाहें बहस कर सकते हैं।

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