किरण चौधरी के आरोपों पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया, कहा निजी स्वार्थ के कारण छोड़ी कांग्रेस!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,
किरण चौधरी के आरोपों पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया, कहा निजी स्वार्थ के कारण छोड़ी कांग्रेस!*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हरियाणा में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाली पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अपनी राजनीतिक तौर पर उन्हें खत्म करने का आरोप लगाया गया था। इसपर अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा की भी प्रतिक्रिया आई. चंडीगढ़ में एक प्रेस क्रांफ्रेंस के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि टिकट का वितरण कांग्रेस हाईकमान करता है. कोई भी वरिष्ठ नेता हो उन्हें ये बातें वहां कहनी चाहिए, जो भी फैसला हाईकमान करता है वो सबको मान्य होता है। वहीं पूर्व सीएम ने एक बार फिर कांग्रेस में गुटबाजी से इनकार किया। वहीं गुटबाजी की वजह से किरण चौधरी के बीजेपी में जाने पर सवाल पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जिसको अपना फ्यूचर जहां अच्छा लगता होगा वो वहां चला जाएगा. अपने स्वार्थ में कोई कहीं भी जा सकता है. वहीं किरण चौधरी के पार्टी पर एक परिवार के कब्जे के बयान पर पूर्व सीएम ने कहा कि वो कौन से परिवार की बात कर रही है पता नहीं कहीं किसी परिवार को स्थापित करने की बात कहती है. मैं किसी कॉन्ट्रोवर्सी में नहीं पड़ता. उनकी इच्छा थी वो चली गई कोई बात नहीं। वहीं पूर्व सीएम हुड्डा से जब पूछा गया कि बीजेपी सांसद मनोहर लाल खट्टर कह रहे हैं कि किरण चौधरी की आत्मा पहले से बीजेपी में थी लेकिन बस उनका शरीर कांग्रेस में था. इसपर हुड्डा पर ने कहा कि मनोहर लाल कह रहे तो सच ही कह रहे होंगे.
*‘कांग्रेस समुंदर किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता’*
वहीं हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने किरण चौधरी के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि किरण चौधरी के कांग्रेस से जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्हें जहां अपना भविष्य सुरक्षित लगा वो वहां चली गई. बेटी को टिकट नहीं मिली तो वे पार्टी छोड़कर चली गई. इसके साथ ही किरण चौधरी पर आरोप लगाते हुए उदयभान ने कहा कि वही किरण चौधरी है जिसने 2019 के विधानसभा चुनावों में चौधरी धर्मबीर और दुष्यंत चौटाला से मिलकर नैना चौटाला को सपोर्ट किया था. बंसीलाल के बड़े बेटे चौधरी महेंद्रा को हराने का काम किया था. वहीं किरण चौधरी है जिसने अजय माकन को राज्यसभा चुनाव हरवाने का काम किया. वो कांग्रेस में रहकर ही कांग्रेस से विश्वासघात कर रही थी।