पानीपत में जज को गेट पर करवाया इंतजार, सरप्राइज चेकिंग करने आए थे जज, 2 सब इंस्पेक्टर सहित 3 सस्पेंड*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पानीपत में जज को गेट पर करवाया इंतजार, सरप्राइज चेकिंग करने आए थे जज, 2 सब इंस्पेक्टर सहित 3 सस्पेंड*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पानीपत ;- पुलिस कप्तान अजीत सिंह शेखावत ने CIA-2 पुलिस प्रभारी सब इंस्पेक्टर (SI) सौरभ, मुंशी प्रवीण और SI जयवीर को सस्पेंड करके तीनों को लाइन में भेज दिया गया है। इसी के साथ CIA के संतरी स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) को नौकरी से हटा दिया। पुलिस कप्तान ने यह कार्रवाई जज को CIA-2 के बाहर इंतजार कराने को लेकर की। माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज विचाराधीन मामले में निरीक्षण करने पहुंचे थे। यहां उन्हें गेट के बाहर काफी देर तक इंतजार करवाया। जज ने गेट खोलने में देरी होने की शिकायत हाईकोर्ट व जिला पुलिस अधीक्षक को दी। जिसके बाद SP ने तुरंत एक्शन लिया।
माना जा रहा है कि अपनी खामी छिपाने के लिए पुलिस अधिकारियों ने दर्ज मुकदमे को ऑनलाइन नहीं किया और FIR को छिपा लिया गया है। मामले की विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है। SP ने फिलहाल एंटी नारकोटिक्स सेल के प्रभारी संदीप सिंह को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
दरअसल, एक परिवार ने साल 2022 में हाईकोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि उनके नाबालिग बेटे को CIA-2 के पुलिसकर्मी उठाकर ले गए थे। वहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई। पुलिस ने खुद पर लगे आरोप नकार दिए थे। परिवार ने इस मामले में CIA-2 के अंदर लगे CCTV कैमरे चैक करने के मांग की थी। नाबालिग ने भी कोर्ट में बताया कि CIA-2 के अंदर के हालात सामान्य नहीं है। इसी केस में हाईकोर्ट ने वास्तविक स्थिति मांगी थी। इसे लेकर जिला जज ने 4 मई को CIA-2 थाने का औचक निरीक्षण किया। वे सरकारी गाड़ी में CIA-2 थाना पहुंचे। यहां काफी देर तक उनको गेट पर ही रोके रखा।
गेट पर तैनात संतरी ने इंचार्ज के आदेशानुसार गेट खोलने में काफी देरी की। इस पर जज नाराज हो गए। उन्होंने हाईकोर्ट में थाना के गेट खोलने में देरी की रिपोर्ट दी। हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया और मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए।
DSP संदीप सिंह ने इस मामले में औद्योगिक थाना सेक्टर-29 में मुकदमा दर्ज कराया। इसमें IPC की धारा 188, 353, 341 और 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने 34 आईपीसी की धारा भी लगाई है। इसमें अन्य पुलिसकर्मियों को भी जांच में शामिल किया जा सकता है।