हरियाणा विधानसभा सत्र में सीएम खट्टर बोले- जनहित में व्यवस्था परिवर्तन की जब बात आएगी, हमारी सरकार होगी तैयार*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा विधानसभा सत्र में सीएम खट्टर बोले- जनहित में व्यवस्था परिवर्तन की जब बात आएगी, हमारी सरकार होगी तैयार*
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विधानसभा सदन के दौरान कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने सवाल पूछा कि महालेखाकार द्वारा निष्पादित राजपत्रित हकदारी कृत्य को वापस लेने के क्या कारण थे। इस पर सीएम ने कहा कि यह विषय 47 साल पुराना है लेकिन किसी ने यह विषय कभी नहीं उठाया। प्रदेश में कांग्रेस की 21.5 साल, इनेलो की 11.5 साल, हरियाणा विकास पार्टी की 3.5 सालों तक सरकारें रहीं।
उन्होंने कहा कि साल 1976 से पहले गैजेटेड और नॉन गैजेटेड के वेतन, अलाउंस इत्यादि के बिल निकालने का अलग नियम था। इसके अनुरूप राजपत्रित अधिकारी स्वयं के बिल और सैलरी बिल स्वयं हस्ताक्षर करके और गैर राजपत्रित अधिकारी डीडीओ के माध्यम से बिल निकलवा सकते थे। लेकिन 1976 में उस समय की सरकार ने यह व्यवस्था बंद करके सभी बिल और सैलरी के लिए डीडीओ पावर के लिए एक अधिकारी को ऑथोराइज कर दिया। 1976 में नियमों में जो भी बदलाव किया गया, वह व्यवस्था परिवर्तन के लिए था। वर्तमान में इसमें किसी प्रकार का बदलाव का कोई विचार नहीं हैं। इस पर वरुण ने कहा कि पहले से जो नियम चले आ रहे हैं, उसमें बदलाव करने की जरूरत है। इस पर सीएम ने सदन में कहा कि लोकहित में व्यवस्था परिवर्तन की जब भी कोई बात आएगी, हमारी सरकार उसके लिए तैयार है।
*सीएम-विज विवाद पर हुड्डा ने ली चुटकी*
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृह मंत्री अनिल विज के बीच दो महीने तक चले विवाद पर सदन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चुटकी ली। एक पुराना किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि बहादुरगढ़ में एक एसआई और वकीलों के बीच विवाद हो गया। वकील हड़ताल पर उतर आए। मामले का निपटारा नहीं होने पर वकील उस दौरान के मुख्यमंत्री के पास पहुंच गए।
सीएम ने बात सुनी और उसके बाद एसआई को थाने से हटाकर उसका प्रमोशन देकर डीएसपी बना दिया। सीएम ने वकीलों से कहा कि एसआई को थाने से हटा दिया गया है। उसके बाद वकील खुश हो गए और उन्होंने हड़ताल वापस ले ली। यह सुनते ही विपक्ष के विधायक हंस पड़े। उन्होंने कहा कि अब यह रिवाज कर देना चाहिए कि जिस अफसर को हटाना हो उसे प्रमोट कर देना चाहिए। उस दौरान सदन में मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और सीएम के राजनीतिक सलाहकार आरके खुल्लर भी बैठे। बाद में हुड्डा ने कहा कि दो महीने तक लोगों को काफी परेशान होना पड़ा है। स्वास्थ्य मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था।
*एम्स का निर्माण केंद्र सरकार करेगी, हरियाणा सरकार ने दे दी है जमीन*
रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव ने सवाल पूछा कि साल 2015 में मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी एम्स बनेगा। मगर अभी तक उसका निर्माण शुरू नहीं हो सका है। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि रेवाड़ी में केंद्र सरकार जल्द ही एम्स स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि एम्स के लिए जो जमीन चिह्नित की गई थी, वह वन विभाग की निकली, जिसके बाद नये सिरे से भूमि का चयन किया गया। जमीन खरीद कर केंद्र सरकार को पट्टे पर दी जा चुकी है। चाहरदीवारी बना दी गई है। एम्स बनाने का कार्य केंद्र सरकार का है और टेंडर आमंत्रित करने जैसी प्रक्रिया जल्द ही केंद्र सरकार पूरा करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि रेवाड़ी एम्स के निर्माण के लिए 203 एकड़ 3 कनाल 5 मरला भूमि 40 लाख प्रति एकड़ की दर से खरीदी गई।