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*मुख्यमंत्री की प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात, अब संपत्तियों के पंजीकरण के लिए एसडीएम और डीआरओ भी होंगे अधिकृत, जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद होगा इंतकाल*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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*मुख्यमंत्री की प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात, अब संपत्तियों के पंजीकरण के लिए एसडीएम और डीआरओ भी होंगे अधिकृत, जमीन की रजिस्ट्री के तुरंत बाद होगा इंतकाल*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने ई-गवर्नेंस की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए संपत्ति के इंतकाल की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है। आज मुख्यमंत्री ने वेब हैलरिस में म्यूटेशन का स्वचालित जेनरेशन मॉड्यूल का शुभारंभ किया।
श्री मनोहर लाल ने आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस पोर्टल के लॉन्च होने से अब किसी भी संपत्ति/जमीन का इंतकाल (म्यूटेशन) रजिस्ट्री के तुरंत बाद हो सकेगा। इसके साथ ही म्यूटेशन की जानकारी भी पोर्टल पर उपलब्ध हो जाएगी, जिसे कोई भी चेक कर सकता है। म्यूटेशन पर कोई भी आपत्ति दर्ज कराने के लिए 10 दिनों की समयावधि दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर कोई 10 दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज करवाता है तो म्यूटेशन को विवादित माना जाएगा और इंतकाल नहीं होगा। यदि कोई आपत्ति नहीं आई तो स्वत: इंतकाल (म्यूटेशन) हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी जमीन या संपत्ति की बिक्री, मॉर्टगेज विद पोजेशन, पारिवारिक हस्तांतरण और उपहार का म्यूटेशन किया जाएगा। श्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2019 में इंतकाल (म्यूटेशन) की प्रक्रिया को डिजिटल बनाना हमारे घोषणापत्र की प्रमुख घोषणाओं में से एक थी। पूरे सिस्टम पर गहन अध्ययन करने के बाद आज यह पोर्टल लॉन्च किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘व्यवस्था से परिवर्तन’ के लिए हमने जो पहल की है, वह जन हित में है। इस पोर्टल का लॉन्च स्वच्छ और पारदर्शी शासन सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
उन्होंने कहा कि पहले म्यूटेशन कराना किसी महाभारत से कम नहीं होता था, लोगों को इसके लिए दर-दर भटकना पड़ता था। इसी को देखते हुए हमने सब कुछ आईटी प्लेटफॉर्म पर लाने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विवादास्पद म्यूटेशन के मुद्दे को भी हल करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई मुकदमा न हो।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि जब से हम सत्ता में आए हैं, कई जन कल्याणकारी योजनाएं बनाई हैं और इसके कार्यान्वयन के लिए नई आईटी प्रणालियां शुरू की गई हैं। कई लोग हमारी कार्यशैली की आलोचना करते हैं, क्योंकि उन्हें आमूल-चूल बदलावों को पचा पाना मुश्किल लगता है।

*अब एसडीएम और डीआरओ भी कर सकेंगे रजिस्ट्रियां*
मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि अब तहसीलदारों के अलावा एसडीएम और डीआरओ को भी अपनी तहसीलों में संपत्ति के पंजीकरण के लिए अधिकृत किया गया है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि जल्द ही हम एक नई प्रणाली शुरू करेंगे जिसके तहत संपत्ति की रजिस्ट्री किसी भी जिले में कहीं भी की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसी व्यवस्था कर रही है कि किसी को अपना काम कराने के लिए लंबी लाइनों में खड़ा न होना पड़े या ज्यादा समय न लगे। सब काम आसानी से हो जाएं।
उन्होंने कहा कि वो दिन गए जब लोग म्यूटेशन कार्य के लिए सदियों तक इंतजार करते थे, अब हम सब कुछ आईटी प्लेटफॉर्म पर ला रहे हैं। लोगों की शिकायतों को दूर करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

*45 से 60 वर्ष आयु के व्यक्तियों को मिलेगी 2750 रुपये पेंशन*
मुख्यमंत्री ने एक ओर घोषणा करते हुए कहा कि 45 से 60 वर्ष की आयु के अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को 2750 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पेंशन का लाभ उन लोगों को दिया जाएगा, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम है।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस योजना के तहत, दूसरी श्रेणी में 40-60 वर्ष की आयु के विधुर को भी शामिल किया गया है, जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से कम होगी, ऐसे सभी लोगों को भी 2750 रुपये की पेंशन का लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस पेंशन योजना से लगभग 71,000 लोगों को लाभ मिलेगा और इससे सालाना 240 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ सरकार पर पड़ेगा।

*लगभग 2000 अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है*
मुख्यमंत्री ने अनियमित कॉलोनियों के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि शहरी स्थानीय निकाय और नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा राज्यभर में अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए कानूनों और नीतियों में भी संशोधन की आवश्यकता है। अभी तक लगभग 2000 अनियमित कॉलोनियों की सूची हमारे पास है, जिन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
*अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ दर्ज 54 मामले वापस लिये जायेंगे*
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एससी समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि साल 2017 में एक आंदोलन हुआ था, जिसमें 54 मामले दर्ज किये गये थे। लगभग 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई लोगों को नामजद किया गया। हमने फैसला किया है कि ये सभी मामले वापस ले लिए जाएंगे, बशर्ते अपराध जघन्य न हो। इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री अमित आर्य उपस्थित थे।

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