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रेसलर्स Vs बृजभूषण विवाद में आया नया मोड़,15 जून तक गिरफ्तारी की राह देखेंगे पहलवान, नाबालिग के बयान पलटने सेफ जोन में बृजभूषण*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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रेसलर्स Vs बृजभूषण विवाद में आया नया मोड़,15 जून तक गिरफ्तारी की राह देखेंगे पहलवान, नाबालिग के बयान पलटने सेफ जोन में बृजभूषण*
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चंडीगढ़ ;- भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी समेत 5 सूत्रीय मांगों के लिए सरकार ने आंदोलनकारी पहलवानों को 15 जून तक का समय दिया है। अब पहलवानों ने इसके लिए काउंटडाउन शुरू कर दिया है। पहलवानों को भाजपा सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।
इधर, गिरफ्तारी का आधार बनी नाबालिग ने सुप्रीम कोर्ट में अपने बयान बदल लिए हैं। उसने बयानों में शोषण नहीं, बल्कि भेदभाव की बात कही है। नाबालिग के इन बयानों से बृजभूषण की गिरफ्तारी पर संदेह पैदा हो गया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करता है कि वह नाबालिग के किस बयान को आधार मानता है।

सुप्रीम कोर्ट के पास नाबालिग के पुलिस को दिए हुए बयानों की कॉपी समेत अब तक हुए तीनों बयानों का ब्यौरा है। इस बार नाबालिग के पिता ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने बयान लोभ-लालच में नहीं, बल्कि डर की वजह बदले हैं। उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं कहना चाहता कि किसने धमकी दी है।

मेरा भी परिवार है। अगर मेरे को कुछ हो गया तो मेरा परिवार बर्बाद हो जाएगा। मुझे डर लग रहा है। हमारे अंदर भेदभाव का गुस्सा था। फेडरेशन के अंदर अपील की, लेकिन उन्होंने भी नहीं सुनी। हमने जो एप्लिकेशन दी, उसमें कुछ सच और कुछ गलत था। मैंने सही और गलत को कोर्ट में जाकर क्लियर कर दिया है। मेरा पूरा परिवार डिप्रेशन में है।

खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने पहुंचे रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान।
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने पहुंचे रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान।
खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से हुई थी 6 घंटे मीटिंग
इससे पहले बुधवार को रेसलर बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की दिल्ली में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ 6 घंटे की मैराथन मीटिंग हुई। मीटिंग के बाद रेसलर साक्षी मलिक ने कहा- ” सरकार ने जांच पूरी करने के लिए 15 जून तक का टाइम मांगा है।

तब तक उन्हें किसी तरह के प्रदर्शन न करने की अपील की है। हालांकि पहलवानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। बजरंग पूनिया ने कहा कि मीटिंग के बारे में खाप प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे। सबकी सहमति से ही किसी निर्णय पर पहुंचा जाएगा। बृजभूषण की गिरफ्तारी के सवाल पर भी खेल मंत्री ने जांच पूरी होने और उसके आधार पर कार्रवाई की बात कही।’

30 जून तक होंगे चुनाव, 2 कोच के नाम प्रस्तावित
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा-” अच्छे माहौल में संवेदनशील मुद्दे पर सकारात्मक बातचीत हुई। मीटिंग में आरोपों की जांच कर 15 जून तक चार्जशीट दायर करने, WFI का चुनाव 30 जून तक करने, WFI में महिला अध्यक्ष की अगुआई में इंटरनल कंप्लेंट कमेटी बनाने, WFI के चुनाव होने तक IOA की एडहॉक कमेटी पर 2 कोच का नाम प्रस्तावित करने और फेडरेशन के चुनाव में खिलाड़ियों से रायशुमारी पर सहमति बनी।

निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह व उनसे संबंधित लोग चुनकर न आएं, ये रेसलर्स की मांग की थी। महिला खिलाड़ियों को जरूरत के अनुसार सिक्योरिटी मिले। जिन खिलाड़ियों, अखाड़ों या कोचों के खिलाफ केस हैं, उन्हें वापस लेने की मांग की गई”।

रेसलर्स के धरने में अब तक क्या हुआ?

18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि बृजभूषण की गिरफ्तारी तक धरना जारी रहेगा।
28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
31 मई को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली पुलिस के पास बृजभूषण की गिरफ्तारी लायक सबूत नहीं है। इस पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके इसका खंडन किया और कहा- जांच जारी है। बाद में दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।
3 जून को दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।
4 जून को पता चला कि पहलवानों की गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग हुई।
5 जून को विनेश, साक्षी और बजरंग ने रेलवे में ड्यूटी जॉइन कर ली। हालांकि साक्षी ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।
6 जून को अमित शाह से मीटिंग का पता चलने पर किसानों और खाप ने 9 जून को जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
7 जून को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया की 6 घंटे तक उनके आवास पर मीटिंग हुई।

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