Saturday, June 29, 2024
Latest:
अपराधचंडीगढ़देश-विदेशपंचकुलापानीपतभिवानीराज्यहरियाणा

रोडवेज नेताओं ने अधिकारियों पर रिश्वत खाने के लगाए आरोप! इसलिए नहीं मान रही रोडवेज कर्मियों की बात?

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
,,,,,,,,,,,,
रोडवेज नेताओं ने अधिकारियों पर रिश्वत खाने के लगाए आरोप! इसलिए नहीं मान रहे रोडवेज कर्मियों की बात?
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
चंडीगढ़ ;- हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रकाश ग्रेवाल ( जो सरकार के अधिकारियों और कर्मचारी नेताओं के बीच हुई वार्ता में शामिल थे ) के अनुसार अधिकारी इन परमिट में मोटा कमीशन ले चुके हैं जो अब लौटाया जाना बहुत मुश्किल है । जिसे यूनियन नेताओं कि और से समझौता वार्ताओं में साफ़ तौर पर कहा है | रोडवेज वर्कर यूनियन की वेतन भत्ते बढ़ाने की कोई मांग नहीं है । प्रदेश की जनता के हित में हमारा ये आंदोलन है जबकि अधिकारी मोटा कमीशन खा कर मुख्यमंत्री मनोहरलाल को अँधेरे में रख रहे हैं । ग्रेवाल के अनुसार मार्च में सरकार ने 19 रूपये प्रति किलोमीटर के रेट से टेंडर प्रकाशित किये थे जिन्हे कोई खास रेस्पोंस नहीं मिला । अचानक कुछ देर के लिए साइट ओपन की तो कुछ लोग 21-22 रूपये के रेट से टेंडर भरना चाहते थे लेकिन अधिकारियों ने अपने कमीशन के लिए ये रेट 40 से 44 रूपये तक बढ़ा दिए । उन्होंने कहा कि कर्मचारी नेता सिर्फ इन टेंडर कि निष्पक्षता की मांग के अलावा कुछ नहीं मांग रहे । उन्होंने आरोप लगाया कि 700 परमिटों के लिए मात्र 53 लोगों का चयन मामले को खुद ही संदिग्ध बना देता है । ग्रेवाल के अनुसार पड़ौसी राज्यों में भी परमिट दिए गए हैं जिनका रेट 23 रूपये से अधिक नहीं है । कर्मचारी नेता ग्रेवाल ने कहा कि राज्य परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह के साथ वरिष्ठ IAS अधिकारी आर के खुल्लर राज्य परिवहन विभाग के ATC की मिलीभगत से भारी कमीशन का गोल मॉल हुआ है अत: इसकी जांच होनी चहिये । हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओमप्रकाश ग्रेवाल ( जो सरकार के अधिकारियों और कर्मचारी नेताओं के बीच हुई वार्ता में शामिल थे।
राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आरोपों से किया इंकार राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आरोपों से इंकार कर दिया है और दावा किया है कि हरियाणा में रोडवेज का निजीकरण करने का कोई प्रयास नहीं है। सरकार बताती है कि किराए पर चलने वाली बसें सड़क के नियंत्रण के तहत भी संचालित होंगी। यहां तक ​​कि किराए पर ली जाने वाली बसों पर कंडक्टर रोडवेज का ही होगा। किराए पर बसों के लिए मार्ग और समय सड़क मार्गों द्वारा भी नियंत्रित किया जाएगा। लेकिन, प्रदर्शनकारियों को बसों के चयन में भृष्टाचार की बू आ रही है । वे दावा करते हैं कि निजी बसों को कुछ निजी संचालकों से को समायोजित करने के लिए बहुत अधिक दरों पर किराए पर लिया जा रहा है। वर्तमान में, निजी संचालकों को 1,000 परमिट दिए गए हैं जो सरकार को मामूली कर चुकाते हैं । मुख़्यमंत्री मनोहरलाल का कहना है कि “नीतियों का गठन सरकार का अधिकार है, न कि कर्मचारी संघों का । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कहते हैं, “वे [संघ] कर्मचारियों के कल्याण से संबंधित मुद्दों को उठा सकते हैं।” हरियाणा के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार कहते हैं, “बसों को किराये पर लेने की की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी तरीके से की गई थी लेकिन कोई इस प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप लगता है तो हम इस पहलू की जांच करने के लिए तैयार हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!