हरियाणा हॉस्पिटैलिटी विभाग के अतिरिक्त निदेशक सतपाल शर्मा को सुचारू रूप से प्रशासन चलाने के बदले मिला तबादला, सरकार की कार्यशैली पर उठने लगे सवालिया निशान?*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा हॉस्पिटैलिटी विभाग के अतिरिक्त निदेशक सतपाल शर्मा को सुचारू रूप से प्रशासन चलाने के बदले मिला तबादला, सरकार की कार्यशैली पर उठने लगे सवालिया निशान?*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा की खट्टर सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की बदली करने मामले में पूर्ववर्त्ती सरकारों को भी पीछे छोड़ दिया है या यह कहें कि रेकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले माह भी हरियाणा में दो बार HCS अधिकारियों का तबादला किया गया। तबादला करना सरकार का अधिकार है। लेकिन ईमानदारी से सही काम करने वाले अधिकारी का यदि तबादला किया जाय तो सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान भी लगते हैं। ऐसा ही हुआ एक तबादला प्रशासनिक अधिकारियों व सिविल सचिवालय चंडीगढ़ में चर्चा का विषय बना हुआ है। हरियाणा हॉस्पिटैलिटी विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक सतपाल शर्मा को सुचारू रूप से प्रशासन चलाने के बदले इनाम के स्थान पर तबादला मिला है।इसीलिए खट्टर सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठने लगे हैं? निजी सुत्रो के अनुसार सत्कार विभाग में अतिरिक्त निदेशक के पद पर रहते हुए सतपाल शर्मा ने कार्य में कमी पाए जाने पर एक सुपरवाइजर से स्पष्टीकरण मांगा था। सुपरवाइजर ने कार्य मे कमी पाए जाने पर अतिरिक्त निदेशक से लिखित में अपनी गलती भी मानी। लेकिन सरकार के एक बड़े नेता ने अपने पद और प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए HCS अधिकारी को शाबाशी देने की बजाय तबादले के रूप उपहार दिया। यदि ऐसा है तो खट्टर सरकार की जीरो टोलरेंस पालिसी का महत्व ही खत्म हो जाता है। खट्टर सरकार अधिकारियों से समय पर साफ सुथरा काम मांगती है। लेकिन कैसे काम हो सकते हैं जब HCS अधिकारी को शाबाशी के बदले अपमान सहना पड़े। किसी कार्यालय में यदि गलत काम पाए जाने पर बॉस अपने कनिष्ठ अधिकारीयों से जवाबदेही नही मांग सकता तो फिर समझो सरकार चलना बहुत मुश्किल है या यह कहें सरकार का डूबना तय है। हरियाणा में राजनीति दबाव के चलते एक ईमानदार HCS अधिकारी सतपाल शर्मा के तबादले से न सिर्फ सरकार की साख गिरी है बल्कि अफसरशाही में रोषपूर्वक जबरदस्त चर्चे भी हो रहे हैं!