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जेल में ‘घुटन’ महसूस कर रहे हैं गुरु! VIP जिंदगी जीने वाले सिद्दू कैसे काटेंगे एक साल की सजा*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज़,
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जेल में ‘घुटन’ महसूस कर रहे हैं गुरु! VIP जिंदगी जीने वाले सिद्दू कैसे काटेंगे एक साल की सजा*
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चंडीगढ ;- पूर्व सांसद व पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू इस वक्त पटियाला जेल में हैं। सिद्धू ने करीब 34 साल पुराने एक रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट से एक साल की सजा मिलने के बाद बीते कल खुद को पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। जिसके बाद उनका मेडिकल करवाया गया और इसके बाद उन्हें पटियाला जेल में लाकर बंद कर दिया गया। इधर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू को पटियाला जेल में बैरक नंबर 10 में रखा गया है| वहीं, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की जेल में पहली रात को लेकर भी एक बड़ी बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि सिद्धू रात में जेल के अंदर सो नहीं पाए| इसके साथ ही उन्होंने रात का खाना भी नहीं खाया|
हालांकि, सिद्धू जेल स्टाफ के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं| खाना न खाने के बारे में बताया जाता है कि, सिद्धू ने खराब सेहत की बात कहते हुए जेल का खाना खाने से इंकार किया क्योंकि सिद्धू अपनी बीमारियों के चलते विशेष डाइट लेते हैं। फिलहाल, सिद्धू के लिए जेल में कोई विशेष प्रबंध नहीं किया गया है| रही बात खाने की तो अगर डॉक्टर्स द्वारा उनके खाने की चीजों की सिफारिश की जाती है तो उन्हें वो चीज जेल में मिल सकेगी। हालांकि, सिद्धू अभी खुद को सरेंडर नहीं करना चाहते थे| सिद्धू की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी कि उन्हें सरेंडर करने के लिए कुछ दिनों का समय दिया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू की इस याचिका को ठुकरा दिया| जिसके बाद सिद्धू के पास सरेंडर करने के अलावा और कोई रास्ता ही नहीं बचा| अगर सिद्धू खुद से सरेंडर करते तो फिर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती।बतादें, सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है| सिद्धू को जेल में काम करना होगा| यह काम कोई कठोर भी हो सकता है| फिलहाल, VIP जिंदगी जीने वाले ‘गुरु’ सजा के सारे दिन जेल में कैसे काटेंगे वो तो अब वही जानें। सिद्धू स्वतंत्र रहने और स्वतंत्र बोलने वाले व्यक्ति रहे हैं| ऐसे में जेल की बंदिश में उनका ‘घुटना’ शायद लाजमी हो सकता है|
बतादें कि, रोडरेज का यह पूरा मामला दिसंबर 1988 का है। जब पटियाला में सिद्धू की सड़क पर एक बुजुर्ग से झड़प हो गई थी| बताया जाता है कि इस झड़प में मारपीट हुई और जिसके बाद उस बुजुर्ग शख्स की मौत हो गई| जहां, इस मामले में फिर पटियाला पुलिस ने सिद्धू के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में पहले निचली अदालत में सुनवाई चली| जहां से सिद्धू बरी हो गए। लेकिन जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। सजा के बाद सिद्धू को इस्तीफा देना पड़ा था। साथ ही सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले का चुनौती दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बरी को कर दिया था लेकिन बाद में पीड़ित पक्ष ने पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सिद्धू की मुश्किलें फिर बढ़ा दीं और अब नतीजा यह रहा कि पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुना दी।

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