Saturday, June 29, 2024
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हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में तीन बिल पास, विपक्ष ने महंगाई और टैक्स की दरों पर जताई आपत्ति*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा विधानसभा बजट सत्र में तीन बिल पास, विपक्ष ने महंगाई और टैक्स की दरों पर जताई आपत्ति*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के 8वें दिन की कार्यवाही बुधवार सुबह 10 बजे शुरू हुई। सुबह प्रश्नकाल में विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायकाें ने अपने प्रश्न रखे। इसके बाद ध्यानार्कषण प्रस्ताव पर चर्चा की गई। जिस पर कांग्रेस विधायकों और अभय चौटाला ने सरकार को घेरा। दोपहर को बजट अनुमानों पर सामान्य चर्चा की गई। जिस पर विधायकों ने अपने विचार रखें। इसके बाद कुल तीन विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा विधि (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक 2022; हरियाणा निरसन विधेयक 2022 और हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2021(प्रवर समिति द्वारा यथा प्रतिवेदित) शामिल हैं। इसके अलावा, हरियाणा नगरपालिका(संशोधन) विधेयक 2022 और हरियाणा नगर निगम(संशोधन) विधेयक 2022 को प्रवर कमेटी को भेजा गया है, जो इन पर दो मास में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके अतिरिक्त, सदन में हरियाणा यांत्रिक यान (पथकर-उद्ग्रहण)संशोधन विधेयक 2022, हरियाणा जल संसाधन(संरक्षण, विनियमन तथा प्रबंधन) प्राधिकरण(संशोधन) विधेयक 2022 और हरियाणा विनियोग(संख्या 1) विधेयक 2022 पेश किए गए, जिन्हें बाद में विचारोपरांत पारित किया जाएगा। ईसुबह प्रश्नकाल में असंध के विधायक शमशेर गोगी ने कहा कि नगर पालिका के एरिया में अनाधिकृत कालोनियों में पानी सड़कों की सुविधा नहीं मिली। भ्रष्टाचार हो रहा है। तहसीलदार, डीटीपी पकड़े गए। नई कालोनियों कमेटी के बाहर बन रही है। सरकार को पैसे मिल रहे हैं। यदि सरकार ने ठगी का काम ही चलाना है तो मर्जी। मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को बिना सिर पैर के बोलने की आदत होती है। इस पर सदन में हंगामा हो गया। मंत्री ने कहा कि जो बात कही है वो लिख कर दो। अखबार सच नहीं बोलते। शमशेर गोगी ने कहा कि तहसीलदार, डीटीपी अंदर है। चोरो, शर्म करो। जगबीर मलिक ने कहा सीएम ईमानदार है तो इंकवायरी करें। गोगी ने कहा कि थोड़ी देर के लिए शांति रहने दो। मंत्री जी अभी नए नए मंत्री बने। मंत्री ने अपना रिकार्ड नहीं देखा। पिछली बार भी सवाल लगा था कि अनाधिकृत कालोनियों को रेगुलर कर दें। मेरे कहने से फोन नहीं उठाते कमेटी वाले। मेरे कहने से प्रस्ताव भेज देंगे क्या? इस पर जगबीर मलिक और मंत्री कमल गुप्ता में खूब गहमा गहमी हुई। गोहाना के विधायक जगबीर मलिक ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र के गांव रतनगढ़ में एक एकड़ की बुआई नहीं हुई। जबकि विभाग कह रहा है कि 160 एकड़ फसल खराब हो गई। धान की फसल की कटाई नहीं हो सकी। चैक कर सकते हैं। नीचे के अधिकारी सीरियस नहीं है। यदि मैं गलत हूं तो आन द फलोर कोई भी सजा दें। इसी प्रकार बागडू गांव में 6 हजार रकबा है। साढ़े पांच हजार क्राप डैमेज है। इसमें 400 एकड़ डैमेज बता दिया। विधायक ने कहा कि आप जवाब कहां से तैयार करवाते हैं। रजिस्ट्रीयों में भी यहीं काम हो रहा है। जाट माजरी में कोई बुआई नहीं हुई। सरकार इसे सीरियस नहीं ले रहा। डिप्टी सीएम ने कहा कि आज एसडीएम व दो अन्य अधिकारियों की कमेटी बनाकर 7 दिन में डिटेल रिपोर्ट दें। हमारी सरकार का प्रयास है कि एक भी दाना खराब होता है तो मुआवजा दिया जाए।
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक बिशन लाल सैनी का प्रश्न कि उनके हलके में सड़के कितनी बनी। डिप्टी सीएम ने बताया कि हलके की नौ सड़कें बन चुकी है। 25 का टेंडर लगा है। प्रपोजल गुम नहीं हुआ। सदस्य हाउस में ये बताएं कि काम कहां कहां हुए। उसे भी बताया करें।बाढडा की विधायक नैना चौटाला अपने विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पानी की समस्या रखी। मंत्री ने जवाब दिया कि बाढढ़ा के गांवों का पानी नीचे जा रहा है। इसे नहरी स्कीम से जोड़ा जा रहा है। जलघर का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। नहरी जल से जुड़ने के बाद समस्या दूर हो जाएगी।
जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने सीवन में नए बस अड्‌डे के निर्माण की मांग रखी। विधायक ने कहा कि सीवन कैथल जिले का सबसे बड़ा गांव है। मंत्री का जवाब है कि अतिक्रमण के कारण भूमि नहीं है। भूमि तो है। हमनें दुकान वालें से बात की थी, दुकान हटा दो। अनुरोध क्लीयर हो जाए तो कब तक बना दोगे। मंत्री मूलचंद शर्मा ने विधायक जगह दिलवा दें, बस स्टैंड बना देंगे। विधायक ने कहा कि जल्दी बनवा देंगे।
ध्याणार्कषण प्रस्ताव पर किरण चौधरी ने कहा कि ओलावृष्टि के कारण सरसों की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। दोबारा मौसम खराब होता है तो फसल ओर खराब हो जाएगी। इससे बचाव के लिए दवाई मुफ़्त में उपलब्ध करवाई जाए। जलभराव के कारण गेहूं की पैदावार कम हो रही है। पूरे प्रदेश में स्पेशल गिरदावरी करवाकर 20 से 50 हजार रुपये मुआवजा दिलाया जाए। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 2 मार्च को आदेश दिया गया कि विशेष गिरदावरी करवाकर स्टेट्स भेजा जाए। किरण ने कहा कि 7 लाख किसानों को मुआवजा अभी नहीं मिला। इसी बीच कृषि मंत्री जेपी दलाल खड़े हो गए और जवाब देने लगे। इस पर किरण ने आपत्ति जताई कि ये बीच में भ्रमित करते हैं। डिप्टी सीएम का जवाब देना होगा। किरण ने कहा कि सरकार कह देती है कि गिरदावरी 50 प्रतिशत से नीचे करो। इस पर कृषि मंत्री ने मुआवजे के आंकड़े रखे। हरियाणा पहला प्रदेश है जो प्रीमियम लिया गया किसानों, उन्हें ज्यादा मुआवजा दिया जा रहा है। किसान खुश है तो विधायक को परेशानी क्यों होती है। इस पर मंत्री और किरण चौधरी में गहमागहमी हुई। किरण चौधरी ने कहा कि मंत्री श्वेत पत्र जारी करें। इस पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि ऐसे कैसे हाउस चलेगा। कृषि मंत्री जेपी दलाल फिर खड़े हो गए तो किरण चौधरी भड़क गई। तब डिप्टी सीएम ने कहा कि खरीफ में 10 जिलों में 561 करोड़ रुपये ट्रांसफर्र कर दिया गया। वेरीफिकेशन करके दी जा रही है। विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट आते ही मुआवजा दे दिया जाएगा। सदन में अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस राज में हम पटके पहन कर आए थे, तब हमें नेम कर दिया गया था। अभय ने कहा कि दर्शक दीघा में एक पार्टी का नेता पटका पहनकर आया है, ये हाउस की गरिमा का उल्लंघन है। हमें भी नेम किया गया था। जजपा विधायक ने कहा कि पाकिस्तान का झंडे को छोड़कर कोई भी लगा लो। कोई खास बात नहीं है। तब अभय ने कहा कि इन्हें भी इस बात की समझ नहीं है। कोई भी आदमी राजनीतिक दल का झंडा या पटका पहनकर सदन में नहीं आ सकता। ऐसे ही उपदेश दे दते हैं, बेअकल के लोग आ गए। अभय चौटाला ने कहा कि बारिश से एक लाख 14 एकड़ फसल खराब हो गई। 70 हजार रुपये प्रति एकड़ उपज है। मगर मुआवजा 15 हजार रुपये दिया जा रहा है। किसान की हालत पहले से ही खराब है। मेवात से भी विशेष गिरदावरी करवानी चाहिए। बजट अनुमानों पर सामान्य चर्चा करते हुए कांग्रेसी विधायक आफताब अहमद ने कहा कि बजट में नया टैक्स नहीं दिया गया। परंतु महंगाई दूसरा नाम कर का है। हरियाणा महंगाई और बेरोजगारी में नंबर वन है। मौजूदा समय में डीजल पर वैट की दर 17.2 प्रतिशत लिया जा रहा है। 2014 में पहले वैट की दर 8.8 प्रतिशत थी। रेवन्यु टैक्स के माध्यम से आ रहा है। सरकार आम आदमी को राहत देना चाहती तो वैट की दर कम करें। 2015 से 2020 के बीच रेवन्यु रिसिट जो आई बजट के अनुमानित एस्टीमेट से कम आई है। इकोनामिक पैरामीटर को चैक करें। बजट ओवर एस्टीमेट तो नहीं है। रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा ने कहा कि बजट में महंगाई दर के आंकड़े छिपा दिए गए। सरकार कर्ज का 20954 करोड़ ब्याज भर रही है। कर्जा कब खत्म होगा, यह चिंता का विषय है। 64 हजार 670 करोड़ रुपये कर्जा लिया। ऐसे में प्रदेश की सरकार कैसे चलेगी। बीबी बत्रा ने कहा कि यह ठीक लगा कि सरकार का रेवन्यु बढ़ रहा है।सरकार पैसा भी नहीं खर्च कर रही है। प्रदेश के डेवल्पमेंट पर कम बजट रखा। 22 हजार कैपिटल इन्वेस्टमेंट है।

(ये तीन बिल हुए पास)
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सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित विभिन्न आदेशों की अनुपालना में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के जिलों में कृषि वाहनों सहित 10 वर्ष पुराने डीजल चालित वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले हरियाणा के जिलों के किसानों और अन्य प्रभावित लोगों को कृषि वाहनों के संचालन के संबंध में अस्थायी राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा हरियाणा विधि (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2019 को 18 मार्च, 2019 को अधिसूचित किया गया था, जिसकी वैधता इसके लागू होने की तिथि से एक वर्ष के लिए थी। किसानों की वित्तीय स्थिति और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कृषि वाहनों सहित 10 वर्ष पुराने डीजल चालित वाहनों के संचालन पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रतिबंध जारी रहने के कारण उक्त अधिनियम की वैधता को 30 जून, 2025 तक बढ़ाने और इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से कृषि वाहनों को चरणबद्घ तरीके से हटाने के लिए विभिन्न नीतिगत मुद्दों को अंतिम रूप देने के हरियाणा विधि (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2022,
ऐसे अधिनियम, जो अब लागू नहीं हैं या अप्रासंगिक व अप्रचलित हो गए हैं या जिनका अलग, स्वतंत्र व विशिष्टï अधिनियमों के रूप में होना अनावश्यक है, ऐसे अधिनियमों को निरस्त करने के लिए हरियाणा निरसन विधेयक, 2022 पारित किया गया है। ये अधिनियम वास्तव में अपना अर्थ खो चुके हैं लेकिन फिर भी अधिनियम पुस्तकों में दिखाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त न्यायमूर्ति इकबाल सिंह(सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित हरियाणा संविधि समीक्षा समिति ने भी अपनी रिपोर्ट में विभिन्न अधिनियमों को निरस्त करने की सिफारिश की थी। सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय पद्धतियों को अपनाते हुए श्रेष्ठ खेलकूद शिक्षण हेतु प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने के अतिरिक्त खेलकूद विज्ञान, खेलकूद प्रौद्योगिकी, खेलकूद प्रबंधन और खेलकूद कोचिंग के क्षेत्रों में खेलकूद शिक्षा को प्रोन्नत करने के लिए हरियाणा राज्य में विशिष्ट विश्वविद्यालय के रूप में खेलकूद विश्वविद्यालय स्थापित और निगमित करने तथा उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 पारित किया गया है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य शारीरिक शिक्षा और खेलकूद विज्ञान के क्षेत्र में उच्च अध्ययन के संस्थान के रूप में विकसित करना; शारीरिक विद्या और खेलकूद विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में विशेष रूप से डिजाइन शैक्षणिक व प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा खेलकूद की उच्च प्रौद्योगिकियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था करते हुए इस क्षेत्र में अनुसंधान, विकास तथा ज्ञान के प्रसार की व्यवस्था करना; खेलकूद को प्रोन्नत करने के लिए शारीरिक विद्या एवं खेलकूद प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना;अन्य महाविद्यालयों/संस्थाओं को संबद्घ करने तथा शारीरिक शिक्षा एवं खेल विज्ञान, खेलकूद प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में कलात्मक शैक्षणिक प्रशिक्षण देने और अनुसंधान तथा सभी खेलों के लिए उच्च प्रदर्शन प्रशिक्षण के लिए उत्कृष्टïता के केन्द्र और संस्थाएं स्थापित करना और इस क्षेत्र में अन्य संस्थाओं को व्यावसायिक और शैक्षणिक नेतृत्व प्रदान करना होगा। इसके अतिरिक्त, शारीरिक शिक्षा, खेलकूद विज्ञान, चिकित्सा व प्रौद्योगिकी और अन्य संबंधित क्षेत्रों में व्यावसायिक मार्गदर्शन और संस्थान सेवाएं प्रदान करना और शारीरिक शिक्षा, खेलकूद विज्ञान, चिकित्सा व प्रौद्योगिकी और सभी खेलों में उच्च प्रदर्शन प्रशिक्षण के क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर ज्ञान, कौशल और सामथ्र्य के विकास के लिए क्षमताएं उत्पन्न करना; शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक की अवसंरचना उपलब्ध कराने के लिए क्षमताएं उत्पन्न करना; ज्ञान एवं विकास के लिए प्रमुख संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करना; अंतरराष्ट्रीय सहयोग उपलब्ध करवाना; प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के प्रयोजन के लिए खेलकूद अकादमियों, विद्यापीठों, महाविद्यालयों, खेलकूद व मनोरंजन क्लबों और अंतरराष्ट्रीय परिसंघों के साथ सघन संयोजन स्थापित करना और उच्च अर्हता प्राप्त व्यवसायिकों को तैयार करना भी विश्वविद्यालय का उद्देश्य होगा। यह सभी खेलों के सर्वोत्कृष्ट और अन्य प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों के लिए उत्कृष्टता और शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विज्ञान में नवाचार एवं अनुसंधान समर्थन और प्रचार के लिए केन्द्र के रूप में कार्य करेगा; प्रतिभाशाली एथलीटस को प्रशिक्षित करेगा ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्वोत्कृष्ट एथलीटों के रूप में उभरने में सहायता की जा सके ; राज्य तथा भारत को खेलकूद शक्ति बनाने के लिए कार्य करेगा। विश्वविद्यालय शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद विज्ञान, जिसमें खेलकूद प्रौद्योगिकी, खेल चिकित्सा, खेलकूद अवसंरचना अभियांत्रिकी, काइनिजियोलोजी, नैदानिक जैव यान्त्रिकी, खेलकूद मनोविज्ञान, खेलकूद पोषण, पुनर्वासन तथा भौतिक चिकित्सा, खेलकूद पत्रकारिता, खेलकूद मार्किटिंग तथा खेल कोचिंग भी शामिल हैं, में पाठयक्रमों की योजना बनाएगा। विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय खेलकूद परिसंघों, राष्ट्रीय खेलकूद परिसंघों, भारतीय ओलिंपिक संघ तथा भारतीय विश्वविद्यालय संघ के समन्वय से खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के अवसर प्रदान करेगा।

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