पंजाब की जीत के बाद हरियाणा में भी बदल सकते हैं समीकरण, मनोहरलाल की जगह कभी केजरीवाल न बन जाये हरियाणवीं लोगो की पसंद!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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पंजाब की जीत के बाद हरियाणा में भी बदल सकते हैं समीकरण, मनोहरलाल की जगह कभी केजरीवाल न बन जाये हरियाणवीं लोगो की पसंद!*
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चंडीगढ़ ;- राजनीति के इतिहास में आप पहली क्षेत्रीय पार्टी है जिसने किसी दूसरे प्रदेश में भी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई है। अभी हाल ही में पंजाब में स्वीप करने के बाद आप पार्टी के संयोजक का फोकस दूसरे प्रदेशों पर हो गया है। पंजाब जीत का सीधा असर पंजाब के साथ लगते प्रदेशो में होगा। दिल्ली से बाहर निकलकर पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी की निगाह अब हरियाणा पर है। केजरीवाल जानते हैं कई पार्टीयो के दुखी नेता अपना राजनीतिक भविष्य तलाश रहे हैं। पंजाब की कुर्सी अपने साथी भगवंत मान को सौंपने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल बुलन्द हौंसले के कारण हरियाणा के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए काम करेंगे। पंजाब में हुए सियासी बदलाव के बाद न केवल हरियाणा की अफसरशाही, बल्कि दूसरे दलों के असंतुष्ट नेता भी अब आम आदमी पार्टी के करीब आने की जुगत भिड़ा रही है। MP डा. सुशील गुप्ता ने हालांकि पार्टी की गतिविधियों को चालू रखने की कोशिश की है लेकिन वह जनता से अपना सीधा कनेक्शन नहीं जोड़ पाए। पंजाब चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों के बाद राज्य में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों को उड़ान मिलने की उम्मीद है। पार्टी का अगले कुछ माह के भीतर होने वाले शहरी निकाय चुनाव अपने सिंबल झाड़ू पर लड़ने का ऐलान इस बात का संकेत है कि अरविंद केजरीवाल अब अपने गृह राज्य हरियाणा को लेकर काफी गंभीर हैं। ऐसा भी हो सकता है कि प्रदेश की जनता वर्तमान मुख्यमंत्री को त्याग कर केजरीवाल को प्रदेश में लाने का मन न बना ले।