अभय चौटाला का गठबंधन सरकार पर तंज, कहा प्रदेश का किसान, मजदूर, कमेरा और छोटा व्यापारी सहित सभी सरकार के जनविरोधी फैसलों से बुरी तरह त्रस्त*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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अभय चौटाला का गठबंधन सरकार पर तंज, कहा प्रदेश का किसान, मजदूर, कमेरा और छोटा व्यापारी सहित सभी सरकार के जनविरोधी फैसलों से बुरी तरह त्रस्त*
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चंडीगढ़ ;- इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा शहरों में एकीकृत रेट करने के नाम पर आमजन पर कलेक्टर रेट का पांच प्रतिशत विकास शुल्क लगा कर बड़ी मार मारी गई है। शहरी क्षेत्रों में विकास शुल्क की मार से गरीबों का आशियाना बनाना महंगा हो गया है जिससे गरीबों का घर बनाने का सपना अब सपना बन कर रह जाएगा।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रदेश की जनता पहले ही सरकार की कुनीतियों के कारण महंगाई की मार से त्रस्त है अब भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा नगर निगम, नगर परिषद व नगर पालिकाओं में भवन प्लान, रिवीजन प्लान, आक्यूपेशन, एनओसी व नो ड्यूज सर्टिफिकेट लेते समय अब नए रेट लागू किए जाने से महंगाई और बेरोजगारी रूपी चक्की के पाटों में पिस कर रह जाएगा। पहले 100 वर्ग गज के प्लाटों पर 12 हजार विकास शुल्क देना पड़ता था लेकिन अब नए रेट लागू होने से 50 हजार रुपए विकास शुल्क देना पड़ेगा जो कि सरासर अन्याय है। भाजपा गठबंधन सरकार की जनविरोधी नीतियों का नतीजा है कि आज प्रदेश की जनता की आमदनी घट गई है और खर्चा आमदनी से ज्यादा हो गया है। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले सरकार द्वारा सिर्फ हाउस टैक्स लिया जाता था लेकिन भूपेंद्र हुड्डा ने जनविरोधी निर्णय लेते हुए कांग्रेस की सरकार के समय हाउस टैक्स को बदलकर प्रॉपर्टी टैक्स कर दिया जिस कारण से खाली प्लॉटों पर भी टैक्स वसूला जाने लगा। अब भाजपा-गठबंधन सरकार जनता पर टैक्स पर टैक्स लगा रही है।
आज प्रदेश की जनता के लिए ‘आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपया’ वाली कहावत चरितार्थ हो गई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार पहले भी ग्रामीण क्षेत्रों पर 2 प्रतिशत पंचायत टैक्स लगा कर जनविरोधी फैसला ले चुकी है। भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा गेहूं और धान पर मार्केट फीस ढाई प्रतिशत से चार प्रतिशत कर दी गई है जिससे व्यापारियों की हालत कमजोर हो गई है। आज प्रदेश का किसान, मजदूर, कमेरा और छोटा व्यापारी समेत सभी वर्ग भाजपा गठबंधन सरकार की जनविरोधी फैसलों से बुरी तरह त्रस्त हैं।