रौंगटे खड़े कर देने वाले घिनौने दुष्कर्म अपराध के दोनों आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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रौंगटे खड़े कर देने वाले घिनौने दुष्कर्म अपराध के दोनों आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा*
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पानीपत (राजेश ओबराय) ;- मतलौडा स्थित एक गांव में 12 वर्ष की अनाथ बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म और फिर हत्या करने के दो दोषियों को अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई। दोनों दोषियों को सात अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई। तीन धाराओं के तहत फांसी, एक धारा के तहत उम्रकैद, दो धाराओं के तहत सात वर्ष और एक धारा के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही दोनों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
जुर्माना अदा न करने की दिशा में एक से छह महीने की अतिरिक्त कठोरा कारावास काटना होगा। पीड़ित बच्ची को न्याय दिलाने वाले वकील अनुज कुमार ने बताया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट ने जघन्य अपराध की सुनवाई चार वर्ष में पूरी की है। इस दौरान 17 गवाहों को सुनने के बाद अदालत ने 70 पेज का अपना फैसला दिया।
अब दोनों दोषियों के पास फांसी के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का वक्त है। बच्ची के मामा ने न्याय मिलने पर कोर्ट का आभार व्यक्त किया है। मतलौडा खंड के एक गांव में 13 जनवरी 2018 को घर के बाहर कूड़ा डालने गई 12 वर्ष की बच्ची का गांव निवासी प्रदीप और सागर ने अपहरण कर लिया था। एक ही गांव के होने वजह से बच्ची प्रदीप को नाना और सागर को मामा मानती थी। बच्ची का अपहरण कर प्रदीप के घर लाया गया। वहां दोनों ने दो बार बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची की हालत काफी बिगड़ गई। जिसके बाद दोनों ने शॉल से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। बच्ची के शव को मंदिर के पीछे गड्ढे में फेंक दिया। इसी रात हुई बरिश से गड्ढ़े में पानी भर गया और शव ऊपर आ गया था। बच्ची के मामा ने इस संबंध में पुलिस चौकी में शिकायत दी थी। पुलिस ने शव का डीएनए कराया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म एवं गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई। पुलिस ने जांच के दो दिन बाद आरोपी प्रदीप और सागर को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों ने गुनाह कुबूल कर लिया था। दोनों दोषी फिलहात पानीपत जेल में बंद हैं।