हरियाणा के 200 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की अटकी भर्ती, नही बढ़ा 50 एसआर का आगामी अनुबंध*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा के 200 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की अटकी भर्ती, नही बढ़ा 50 एसआर का आगामी अनुबंध*
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चंडीगढ ;- हरियाणा में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है, लेकिन मेडिकल कॉलेजों में करीब 200 सीनियर रेजिडेंट (एसआर) डॉक्टर की भर्ती अटक गई है। छह माह के अनुबंध का समय पूरा होने के बाद 50 एसआर कार्यकाल भी आगे नहीं बढ़ाया गया है। पहले मेडिकल कॉलेज के निदेशक अपने स्तर पर जरूरत के अनुसार सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट (जेआर) डॉक्टरों की भर्ती कर लेते थे। साथ ही जिन डॉक्टर का छह माह का समय पूरा हो जाता था, उसे जरूरत के हिसाब से आगे बढ़ा दिया जाता है। पिछले दिनों चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग ने फैसला लिया कि अब मेडिकल कॉलेज अपने स्तर पर एसआर और जेआर डॉक्टरों की भर्ती नहीं कर सकेंगे। मुख्यालय खुद इसके लिए आवेदन मांगेगा और इसके बाद साक्षात्कार के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी करेगा। लेकिन पिछले दो माह से न तो मुख्यालय की ओर से पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया और न ही पहले लगे एसआर की एक्सटेंशन अवधि बढ़ाई गई। ऐसे में कॉलेज प्रबंधन और डॉक्टरों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि नई भर्ती कब होगी।
छह माह पर विवाद, सरकार एक साल का करेगी।
विभागीय सूत्र बताते हैं कि सरकार ने फैसला लिया है कि एसआर और जेआर की अवधि 6 माह के बजाय एक साल की जाए। क्योंकि छह माह में डॉक्टर के कार्य को नहीं आंका जा सकता है। एक साल तक कार्य को देखने के बाद ही उसके कार्यकाल को बढ़ाया जाए। इसी फेर में नई भर्ती अटकी हुई है। विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि विभाग नए पदों के लिए फरवरी में भर्ती निकालेगा। अभी कॉलेजों से खाली पदों का ब्योरा लिया जा रहा है।
अस्पताल और ओपीडी को संभालते हैं एसआर और जेआर,,,,,,,,
मेडिकल कॉलेजों में अस्पताल से लेकर ओपीडी को सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर संभालते हैं। आंकड़ों की बात करें तो अकेले करनाल मेडिकल कॉलेज में 50 से अधिक एसआर के पद खाली हैं। इसी प्रकार खानपुर, रोहतक और मेवात मेडिकल कॉलेज में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के पद नहीं भरे गए हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 50 एसआर का कार्यकाल भी नहीं बढ़ाया गया है