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कैथल के SDM अमरेंद्र को मंथली मामले में किया गिरफ्तार, डीटीओ की पोस्ट पर रहते भ्रष्टाचार का दर्ज हुआ केस*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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कैथल के SDM अमरेंद्र को मंथली मामले में किया गिरफ्तार, डीटीओ की पोस्ट पर रहते भ्रष्टाचार का दर्ज हुआ केस*
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चंडीगढ ;- ओवरलोड वाहनों के ट्रांसपोर्टरों से मंथली लेने के मामले में मंगलवार को स्टेट ब्यूरो विजिलेंस अंबाला ने कैथल SDM अमरेंद्र को उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। अमरेंद्र सिंह के पास अंबाला में जिला परिवहन अधिकारी का अतिरिक्त कार्यभार था। उनके खिलाफ कैथल के ट्रांसपोर्टर देवराज की शिकायत के बाद जांच शुरू हुई थी। हरियाणा विजिलेंस ने अमरेंद्र की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। वहीं कैथल के डीसी प्रदीप ने बताया कि उन्हें पता चला कि दोपहर को विजिलेंस की टीम जांच के लिए कैथल आई थी। एसडीएम आज ड्यूटी पर थे। इसी बीच विजिलेंस ने जांच के दौरान हिरासत में ले लिया। अंबाला के एक पुराने मामले में जांच चल रही है। वे कुछ दिन पहले अपने पिताजी की तबीयत खराब होने के कारण छुट्‌टी पर चले गए थे। इस मामले में सबसे पहले दिसंबर 2021 में एफआईआर नंबर 11 दर्ज की थी। सबसे पहले दलाल गुरप्रीत को पकड़ा। गुरप्रीत के बताने पर जसपाल को पकड़ा और जसपाल से जानकारी पर आरटीए कार्यालय में ड्राइवर करणवीर को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपियों ने जांच के दौरान एसडीएम की संलिप्तता के सबूत दिए। बतां दें कि एसडीएम कैथल के पास अंबाला के आरटीओ का अतिरिक्त चार्ज था। उस समय के दौरान घूस लेने के आरोप लगे थे। जांच के दौरान ड्राइवर करणवीर ने एएसआई जसपाल सिंह का नाम लिया था। जसपाल स्टेट विजिलेंस ब्यूरो अंबाला की कस्टडी में है। जिसने अंबाला के डीटीओ रहे अमरेंद्र सिंह और ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर अजय सैनी का नाम लिया था। आरोपी एएसआई के बयान कोर्ट के समक्ष हो चुके हैं। वह सरकारी गवाह बनने के लिए राजी है। फिलहाल कोर्ट ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के जांच अधिकारी की तरफ से दी गई दलीलों के आधार पर केस को अगली सुनवाई तक टाल दिया है।
विजिलेंस रिकॉर्ड के मुताबिक आरोपी ड्राइवर करणवीर ने खुलासा किया कि ट्रांसपोर्टर से बातचीत करने में उसके साथ ड्राइवर सुनील भी शामिल था। इसके बाद आरोपी जसपाल सिंह और गुरप्रीत सिंह के साथ प्रति ट्रक 6 हजार रुपए मंथली लेने के लिए सौदा किया गया था। अक्टूबर 2021 में 3 लाख और नवंबर में 4 लाख की मंथली इकट्ठी हुई। दलालों ने अपना हिस्सा रखने के बाद बाकी रकम आरटीए टीम में तैनात एएसआई जसपाल सिंह को दी।
विजिलेंस ने एएसआई जसपाल सिंह से पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि यह पैसा ट्रांसपोर्ट इंस्पेक्टर अजय सैनी और डीटीओ अमरेंद्र सिंह को दिया गया। उल्लेखनीय है कि कैथल के चीका के ट्रांसपोर्ट ने विजिलेंस को शिकायत दी थी कि आरटीए के दलाल उससे ओवरलोडिड वाहनों की आवाजाही होने देने की एवज में मंथली मांगते हैं। इसी के बाद दलाल लक्की की गिरफ्तारी हुई थी।

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