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नगरनिगम चंडीगढ चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली आप पार्टी मेयर की चेयर का चुनाव कैसे हारी, तोड़फोड़ में माहिर भाजपा कैसे जीती चुनाव?*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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नगरनिगम चंडीगढ चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने वाली आप पार्टी मेयर की चेयर का चुनाव कैसे हारी, तोड़फोड़ में माहिर भाजपा कैसे जीती चुनाव?*
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चंडीगढ ;- जीत कैसे हार में बदलती हैं इसकी मिसाल चंडीगढ की मेयर सीट के चुनाव से मिलती है।चंडीगढ़ में शनिवार को मेयर पद का चुनाव हुआ, जिसमें आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा। नगर निगम चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर जो आम आदमी पार्टी अब चंडीगढ़ में अपना मेयर बनाने के ख्वाब संजो रही थी, वह सारे ख्वाब तार-तार हो गए| नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जितनी बड़ी जीत हासिल की, मेयर चुनाव में आप को उतनी ही भारी हार का सामना करना पड़ा| यानि बात साफ है कि नगर निगम चुनाव में जीत के मामले में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बावजूद भी ‘आप’ अपना मेयर नहीं बना पाई। बतादें कि, AAP पर किस्मत की मार पड़ी है और बीजेपी एक बार फिर से मेयर पद ले गई है| चंडीगढ़ के मेयर का ताज बीजेपी की सरबजीत कौर के सिर सजा है| वार्ड नंबर- 6 से पार्षद बीजेपी की सरबजीत कौर चंडीगढ़ की 28वीं मेयर बन गईं हैं| बतादें कि, सरबजीत कौर के खिलाफ खड़ीं वार्ड नंबर- 22 से पार्षद आप की अंजू कत्याल मेयर पद का चुनाव हार गईं हैं| एक वोट से यह हार जीत हुई है| एक वोट खराब निकल जाने के चलते आप के पाले में सिर्फ 13 ही वोट आये, जबकि बीजेपी ने अपने खाते में 14 वोट लेकर धमाकेदार जीत हासिल कर ली। आपको बतादेंकि, चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीते हुए पार्षद और सासंद द्वारा वोटिंग की जाती है| जहां जब शनिवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में वोटिंग शुरू हुई तो इस वोटिंग में कांग्रेस और अकाली दल ने हिस्सा नहीं लिया| कांग्रेस के सभी सात पार्षदों में से एक ने भी वोट नहीं डाला| इसके साथ ही अकाली दल के एक पार्षद ने भी वोटिंग नहीं की| ऐसे में आप के कुल 14 पार्षद और बीजेपी के 13 पार्षदों के साथ सांसद किरण खेर ने वोटिंग की| यानि बीजेपी के साथ सांसद किरण खेर का एक वोट और जुड़ा हुआ था| जहां ऐसे में आप और बीजेपी पार्टी के बीच स्थिति बराबरी की बन गई| यानि आप के पास जहां 14 वोट थे तो वहीं बीजेपी के पास भी 14 वोट थे| ऐसे में साफ लग रहा था कि रिजल्ट आने पर ड्रा निकालकर मेयर बनने की किस्मत का फैसला होगा लेकिन जब रिजल्ट आया तो तस्वीर ही बदल गई| एक वोट खराब हो जाने से बीजेपी का पलड़ा ‘आप’ से भारी हो गया| बीजेपी के पास तो उसके 14 के 14 वोट रहे लेकिन आप के पास 13 ही वोट रह गए। इधर, अब जब बीजेपी मेयर पद का चुनाव जीत गई है तो ‘आप’ की ओर से सदन में जोरदार हंगामा किया जा रहा है| चंडीगढ़ नगर निगम सदन में स्थिति तनावपूर्ण सी लग रही है। बतादें कि, चंडीगढ़ नगर निगम सदन में मेयर के लिए वोटिंग के दौरान जमकर भी हंगामा भी हुआ| आप पार्षदों ने सांसद किरण खेर के वोट डालने को लेकर हंगामा किया| हालांकि, बाद में स्थिति शांत हो गई और मेयर के लिए आगे वोटिंग शुरू की गई| किरण खेर ने मेयर की वोटिंग में सबसे पहले वोट डाला। बतादें कि, इससे पहले मेयर पद की जिम्मेदारी रविकांत शर्मा के हाथ थी| बीजेपी पार्टी के रविकांत शर्मा पिछले एक साल से चंडीगढ़ के मेयर पद मौजूद थे| रविकांत शर्मा चंडीगढ़ के 27वें मेयर बने थे| आपको बतादें कि, चंडीगढ़ में मेयर का कार्यकाल एक ही साल का होता है।

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