हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार ने नए कुढ़ते पजामा सिलवाने वाले अनेक विधायकों के अरमानों पर फेर दिया पानी*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार ने नए कुढ़ते पजामा सिलवाने वाले अनेक विधायकों के अरमानों पर फेर दिया पानी*
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चंडीगढ ;- आखिरकार 2 साल बाद हरियाणा में मंत्रिमंडल का विस्तार हो ही गया। जेजेपी विधायक बबली का पार्टी सुप्रीमो पर दबाव काम आया। इसी कारण उसे मंत्रिमंडल में कैबिनेट के दर्जा हासिल हुआ। वहीं हरियाणा सावर्जनिक ब्यूरो के पूर्व चेयरमैन कमल गुप्ता को भी संघर्ष करने के उपरांत हरियाणा मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। एक दिलचस्प बात यह हैं कि इस विस्तार ने नए कुढ़ते पजामा सिलवाने वाले अनेक विधायकों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। जिनको उनके राजनीतिक आकाओं ने मंत्री बनने का भरोसा दिया हुआ था। मन्त्री बनने की आस में भाजपा और जजपा के कुल मिलाकर 6 से 7 विधायक थे। लेकिन देवेंद्र बबली जजपा नेतृत्व पर दबाव बनाकर सरकार का हिस्सा बनने में सफल रहे। डॉ. कमल गुप्ता ने संघ के रिश्तों और अपनी बेबाक छवि के कारण झंडी प्राप्त कर ली है। दोनों विधायकों ने आम से खास बनने के लिए लंबा संघर्ष किया है। अब उन्हें सरकार के साथ पार्टी और हलके के साथ ही प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर भी खरा उतरना होगा। जजपा में अमरजीत ढांडा को उम्मीद थी कि वे मंत्री बनेंगे, मगर वह पार्टी के शीर्ष नेताओं पर दबाव बनाने में सफल नहीं हो पाए। बबली ने पार्टी से सीधा लोहा भी लिया लेकिन अपनी बात मनवाने में सफल रहे। भाजपा में डॉ. अभय यादव व दीपक मंगला को विस्तार में एडजस्ट होने की उम्मीद थी लेकिन उनसे अधिक समर्थन जुटाने में गुप्ता सफल रहे। वैश्य समुदाय के अधिकतर विधायकों का समर्थन उन्हें मिला। गुप्ता का जन्म हरियाणा के ही गुरुग्राम में हुआ है, उनके पिता डाक विभाग में पोस्ट मास्टर थे। डॉ. गुप्ता की स्कूली शिक्षा चरखी दादरी से हुई। हिसार में मेडिकल प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर कमल गुप्ता ने भाजपा टिकट पर 1996 से चुनाव लड़ना शुरू किया। 2001 में भी लड़े पर लगातार हारे। मनोहर लाल की पिछली सरकार में वह 2 साल तक संसदीय सचिव भी रहे लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप की वजह से हटना पड़ा।