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तहसीलदार कुलदीप मालिक की याचिका पर चौटाला सरकार में भर्ती एचसीएस को ज्वाइन करवाकर फंसती दिख रही है खट्टर सरकार?

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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तहसीलदार कुलदीप मालिक की याचिका पर चौटाला सरकार में भर्ती एचसीएस को ज्वाइन करवाकर फंसती दिख रही है खट्टर सरकार?
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चंडीगढ़ ;- किसी न किसी कारण से हरियाणा की खट्टर सरकार पर परेशानिया बढ़ती ही जा रही है। क्योंकि प्रदेश सरकार पर लोकडाउन के दौरान भी घपलों के काफी आरोप लगे थे। आजकल भर्ती मामले में खट्टर सरकार पर विपक्ष ज़ोर ज़ोर से हमले कर रहा है। अब हरियाणा की पूर्व चौटाला सरकार के कार्यकाल में भर्ती हुए एचसीएस अधिकारियों को ज्वाइन करवाने के मुद्दे पर प्रदेश सरकार उलझती जा रही है। यह विवाद हरियाणा लोकसेवा आयोग के उपसचिव अनिल नागर की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है। धांधली के आरोपों के चलते पूर्व की हुड्डा सरकार ने इस बैच के चयनित उम्मीदवारों के ज्वाइन नहीं करवाया था।
चौटाला सरकार ने जनवरी-2004 में एचसीएस व संबद्ध सेवाओं के कुल 102 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। यह भर्ती प्रक्रिया 2004 में ही पूरी कर ली गई। इस बीच मार्च-2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस सत्ता में आई।
कांग्रेस ने भर्ती की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी। हुड्डा सरकार लगातार दो बार सत्ता में आई लेकिन इन चयनित उम्मीदवारों को ज्वाइन नहीं करवाया गया। भाजपा सरकार ने जब जनवरी-2016 में 102 उम्मीदवारों में से 38 को ज्वाइन करवाया तो इसे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।
वर्तमान में पानीपत तहसीलदार कुलदीप मलिक सहित 22 उम्मीदवारों ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कोर्ट में दलील दी कि सरकार ने ज्वाइनिंग देने में पक्षपात किया है। हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया। हालांकि जिन 38 उम्मीदवारों को ज्वाइनिंग लेटर जारी किए थे, उनमें से एचसीएस (एग्जक्यूटिव) के 23 में से 19 से ही नौकरी ज्वाइन की थी। कोर्ट में याचिका दायर करने वाले उम्मीदवारों ने कहा कि उनकी आंसर-शीट में कुछ गड़बड़ नहीं मिली है। उन्होंने ज्वाइनिंग करवाए जाने की मांग हाईकोर्ट में उठाई। 42 उम्मीदवारों की आंसर-शीट में कुछ न कुछ गड़बड़ मिली थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सरकार को कहा कि अगर याचिका दायर करने वाले 22 उम्मीदवारों की आंसर-शीट में गड़बड़ नहीं है तो उन्हें भी पहले वाले 38 उम्मीदवारों की तरह ज्वाइनिंग दी जाए।
सरकार ने 6 मार्च 2019 को हाईकोर्ट में दिए शपथ-पत्र में कहा कि जिन 22 उम्मीदवारों ने चैलेंज किया है उनका और ज्वाइनिंग करवाए गए उम्मीदवारों का केस लगभग समान है। इस साल पहली सितंबर को हाईकोर्ट ने एक समान मामला होने को लेकर सरकार से जवाब तलब किया। इसके बाद 4 अक्तूबर और 28 अक्तूबर को सुनवाई हुई और केस का स्टेट्स वही रहा। सरकार की ओर से हाईकोर्ट में रिपोर्ट नहीं दी गई। अब इस मामले में दो दिसंबर को सुनवाई होगी। इस सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट में दिए जाने वाले जवाब से पहले सरकार चयनित 38 उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर सकती है। अंदरखाने नोटिस दिए जाने की तैयारी चल रही है।

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