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गुजरात मंत्रिमंडल में 10 कैबिनेट व 14 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ, रूपाणी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों की हुई छुट्टी*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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गुजरात मंत्रिमंडल में 10 कैबिनेट व 14 राज्य मंत्रियों ने ली शपथ, रूपाणी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों की हुई छुट्टी*
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अहमदाबाद ;- गुजरात विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी और भाजपा की प्रदेश इकाई के पूर्व अध्यक्ष जीतू वघानी समेत 24 मंत्रियों ने गुरूवार को यहां गुजरात सरकार के मंत्रियों के तौर पर शपथ ग्रहण की। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के नेतृत्व वाले पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल के किसी मंत्री को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 10 कैबिनेट मंत्रियों और 14 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई, जिनमें पांच स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री शामिल हैं। राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ग्रहण करने वाले भूपेंद्र पटेल राजभवन में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान रूपाणी के साथ मौजूद थे। रूपाणी के शनिवार को पद से अचानक इस्तीफा देने के बाद नए मंत्रिमंडल का गठन किया गया है। कैबिनेट मंत्रियों के रूप में राजेंद्र त्रिवेदी, जीतू वघानी, ऋषिकेश पटेल, पूर्णेश मोदी, राघवजी पटेल, कनुभाई देसाई, किरीट सिंह राणा, नरेश पटेल, प्रदीप परमार और अर्जुन सिंह चौहान ने शपथ ली।
मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों को शामिल नहीं करने के भाजपा के फॉर्मूले को देखते हुए इस बात को लेकर संशय थी कि इस बार किन लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। इससे पहले सत्तारूढ़ भाजपा ने घोषणा की थी कि शपथग्रहण समारोह बुधवार दोपहर को आयोजित किया जाएगा और इसके लिए राज्य की राजधानी में स्थित राजभवन में तैयारियां शुरू कर दी गई थीं, लेकिन कार्यक्रम में अचानक तब्दीली कर दी गई और शपथग्रहण समारोह के बैनर हटा लिए गए। न तो भाजपा और न ही राज्य सरकार ने कार्यक्रम टाले जाने के संबंध में कोई कारण बताया। बता दें, अहमदाबाद से पहली बार विधायक चुने गए, पटेल (59) ने पिछले शनिवार को विजय रूपाणी के अचानक इस्तीफा दे देने के बाद सोमवार को गुजरात के नए मुख्यमंत्री का प्रभार संभाला। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेतृत्व ने इस बार नये चेहरों को शामिल करने और पुराने लगभग सभी मंत्रियों, यहां तक कि उन वरिष्ठ नेताओं को भी हटाने का फैसला किया है जो पूर्ववर्ती रूपाणी सरकार का हिस्सा थे। कई लोगों का मानना है कि पुराने चेहरों को जगह न दिया जाने का यह फार्मूला 2022 विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रस्तावित किया गया है क्योंकि दो दशक से ज्यादा वक्त से गुजरात में सत्ता में रही भाजपा साफ-सुथरी छवि के साथ मतदाताओं के बीच जाना चाहती है।

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