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मोंदी मंत्रिमंडल गठन में हरियाणा से संजय भाटिया या बृजेन्द्र सिंह को मिल सकता है स्थान!

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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मोंदी मंत्रिमंडल गठन में हरियाणा से संजय भाटिया या बृजेन्द्र सिंह को भी मिल सकता है स्थान!
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दिल्ली ;- नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे मन्त्रिमण्डल गठन में मंत्रियों के चयन व विभागों के आवंटन पर नजरें टिकी हुई हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में हरियाणा की भूमिका को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि हरियाणा के करनाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद संजय भाटिया जो कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नजदीकी माने जाते हैं उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की पूरी सम्भावना बनी हुई है। इसी तरह निवर्तमान केंद्रीय मंत्री के पुत्र पूर्व आईएएस व हिसार से सांसद बृजेन्द्र सिंह की भी मन्त्रिमण्डल में हिस्सेदारी हो सकती है। क्योंकि चौधरी बीरेंद्र सिंह के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से काफी नज़दीकी है। इतना तो तय है कि हरियाणा के कम से कम दो सांसद मंत्री बनने में कामयाब हो सकते हैं! यदि विभागों की बात करें तो वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय एवं रक्षा मंत्रालय को लेकर विभिन्न चर्चाएं जारी हैं। इन्हीं चर्चाओं की बात करें तो  सबसे अहम मंत्रालय वित्त मंत्रालय है। मोदी की पहली सरकार में अरुण जेटली को वित्त मंत्री बनाया गया था, लेकिन उनके स्वास्थ्य की परेशानियों ने इस बार दूसरी पारी खेलने को तैयार मोदी सरकार को ये सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि वित्त मंत्रालय किसे दिया जाए? अरुण जेटली का जब विदेश में इलाज चल रहा था तब उनकी अनुपस्थिति में पीयूष गोयल को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। अगर अरुण जेटली की बात करें तो पेशे से वकील जेटली बीजेपी के कद्दावर नेता हैं, साथ ही सरकार के लिए संकटमोचक की भूमिका भी निभाते हैं। दूसरी तरफ रेलवे और कोयला मंत्री रहे पीयूष गोयल पांच साल से जेटली की गैरमौजूदगी में उनका कार्यभार संभालते आ रहे हैं।गोयल देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के बोर्ड में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। गोयल कुशल चार्टर्ड एकाउंटेंट यानी सीए हैं और पिछली बार का अंतरिम बजट भी पेश कर चुके हैं। वित्त मंत्रालय के बाद बारी आती है गृह मंत्रालय की। मोदी सरकार की पहली पारी में ये विभाग राजनाथ सिंह ने बाखूबी निभाया लेकिन इस बार संभावना है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस विभाग की जिम्मेवारी दी जाए। उम्मीद है कि अमित शाह की एंट्री सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी) यानी सीसीएस के जरिए हो सकती है। सीसीएस में पीएम के अलावा चार बड़े रक्षा, गृह, विदेश और वित्त मंत्री शामिल होते हैं। दरअसल जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब अमित शाह गुजरात के गृहमंत्री रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हराने वाली भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जिम्मा सौंपा जा सकता है। वह मोदी सरकार के पहले काल के अंत तक टैक्सटाइल मंत्री रही हैं। वहीं राजस्थान में क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा वहां के किसी बड़े नेता को केंद्र में प्रतिनिधित्व दे सकती है। ये प्रतिनिधित्व पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को दिया जा सकता है। बाकी पंजाब में दो सीटों पर विजयी रहे सोमप्रकाश व सनी देयोल पर भी सबकी नजर है जबकि दोनों पहली बार सांसद बने हैं।

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