तीन बुरी खबरों ने देश को हिला दिया
1- 12000 करोड़ की रेमण्ड कम्पनी का मालिक आज बेटे की बेरुखी के कारण किराये के घर में रह रहा है।
2- अरबपति महिला मुम्बई के पॉश इलाके के अपने करोडो के फ्लैट में पूरी तरह गल कर कंकाल बन गयी। बेहद बड़ी नौकरी करने विदेश गये करोड़पति बेटे को पता ही नहीं माँ कब मर गयी।
3- सपने सच कर आईएएस बने बक्सर के कलैक्टर ने तनाव के कारण आत्महत्या कर ली।
उक्त तीन घटनायें बताती है जीवन में पद, पैसा और प्रतिष्ठा किसी काम के नहीं। यदि आपके जीवन में खुशी संतुष्टी तथा अपने नहीं है तो कुछ भी मायने नही रखता। वरना एक क्लैक्टर को क्या जरुरत थी जो उसे आत्महत्या करना पड़ा।
कभी सड़क किनारे धूल में नंगे खेलते गरीबां के बच्चों को देखना… उतनी खुशी अमीरों के बच्चों को भी नहीं मिलती। खुशियाँ पैसों से नहीं मिलती.. अपनों से मिलती है।
शिक्षा और धन से ज्यादा संस्कार महत्वपूर्ण हैं स्वस्थ रहें खुश रहें आनंदित रहें बस यही सबसे बड़ी संपदा है।