Tuesday, November 4, 2025
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HSSC ने किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े की संभावना को खत्म करने के लिए चयनित उम्मीदवारों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराने का निर्णय/ हरियाणा में 13 हजार पदों पर हुई थीं नियुक्तियां*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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HSSC ने किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े की संभावना को खत्म करने के लिए चयनित उम्मीदवारों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराने का निर्णय/ हरियाणा में 13 हजार पदों पर हुई थीं नियुक्तियां*
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हरियाणा में ग्रुप-डी भर्ती प्रक्रिया अब एक नए और पारदर्शी दौर में प्रवेश करने जा रही है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने विज्ञापन संख्या 01/2023 के तहत चयनित सभी ग्रुप-डी (कॉमन कैडर) उम्मीदवारों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराने का निर्णय लिया है। यह कदम भविष्य में किसी भी प्रकार के विवाद या फर्जीवाड़े की संभावना को पूरी तरह समाप्त करने के उद्देश्य से उठाया है। आयोग के इस फैसले से स्पष्ट संकेत मिला है कि अब राज्य सरकार भर्ती प्रक्रिया में ‘एक व्यक्ति, एक पहचान’ की नीति को सख्ती से लागू करने जा रही है। बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी अन्य व्यक्ति ने गलत तरीके से किसी उम्मीदवार की जगह चयन या नियुक्ति न पा ली हो। मानव संसाधन विभाग द्वारा इस संबंध में सभी विभागाध्यक्षों, मंडल आयुक्तों और उपायुक्त, पंचकूला को पत्र जारी किया गया है। जिन कार्यालयों में ग्रुप-डी (कॉमन कैडर) उम्मीदवार कार्यरत हैं, उनके नाम, पद, स्थान और अन्य विवरण तुरंत हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सचिव को भेजे जाएं। इससे आयोग बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ कर सकेगा।
उल्लेखनीय है कि चयनित उम्मीदवारों को पहले चरण में संबंधित मंडल आयुक्तों और उपायुक्त, पंचकूला के कार्यालयों में ज्वाइन करने के निर्देशों सहित नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं। इसके बाद इन उम्मीदवारों के पोस्टिंग ऑर्डर एचकेसीएल पोर्टल के माध्यम से जारी किए गए थे। अब बायोमेट्रिक सत्यापन इस पूरी प्रक्रिया की अंतिम कड़ी के रूप मंए किया जाएगा, जिससे किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की संभावना न रहे। आयोग चेयरमैन हिम्मत सिंह का कहना है यह कदम न केवल वर्तमान ग्रुप-डी चयन को पारदर्शी बनाएगा बल्कि आने वाली सभी भर्तियों के लिए भी एक मानक स्थापित करेगा। बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद उम्मीदवारों की पहचान डिजिटल रिकॉर्ड में सुरक्षित रहेगी, जिससे भविष्य में शिकायतों, मुकदमेबाजी या फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी। आयोग चेयरमैन हिम्मत सिंह का कहना है यह कदम न केवल वर्तमान ग्रुप-डी चयन को पारदर्शी बनाएगा बल्कि आने वाली सभी भर्तियों के लिए भी एक मानक स्थापित करेगा। बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद उम्मीदवारों की पहचान डिजिटल रिकॉर्ड में सुरक्षित रहेगी, जिससे भविष्य में शिकायतों, मुकदमेबाजी या फर्जी दस्तावेजों के उपयोग की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।

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