CBI ने रिश्वत मामले में जज को दी क्लीन चिट! / वकील और उसके साथी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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CBI ने रिश्वत मामले में जज को दी क्लीन चिट! / वकील और उसके साथी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल!*
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चंडीगढ़/बठिंडा (पीके) :- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लगभग दो महीने पहले पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के नामी वकील एडवोकेट जतिन सलवान को बठिंडा के एक जज के नाम पर 30 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में वीरवार को बड़ा अपडेट सामने आया है। सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर ली है और सलवान तथा उनके साथी सतनाम सिंह के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। वहीं, बठिंडा के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) को जांच एजेंसी ने क्लीन चिट दे दी है। सीबीआई की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि इस पूरे प्रकरण में जज की कोई भूमिका नहीं थी। एजेंसी ने हाई कोर्ट के आदेश पर जज से पूछताछ की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी एडवोकेट सलवान से केवल एक पुराने सर्विस केस के सिलसिले में जान-पहचान थी। जज ने सीबीआई को बताया कि वे 2001 में बतौर सिविल जज भर्ती हुए थे, लेकिन कमीशन स्कैम के चलते 1998 से 2001 के बीच भर्ती हुए जजों को टर्मिनेट कर दिया गया था। इस टर्मिनेशन आदेश के खिलाफ उन्होंने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में केस दायर किया था, जिसमें एडवोकेट सलवान उनके वकील थे। अदालत के आदेश पर बाद में उन्हें सेवा में बहाल कर दिया गया था। सीबीआई की पूछताछ में जज ने यह भी बताया कि 13 अगस्त को एडवोकेट सलवान ने अपने लैंडलाइन नंबर से उन्हें दो बार कॉल की थी, जिसके बाद जब उन्होंने कॉल बैक किया तो सलवान ने सिर्फ अपने पिता के स्वास्थ्य को लेकर बातचीत की थी। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके नाम पर किसी से रिश्वत मांगी जा रही है। सीबीआई के अनुसार, सलवान ने शिकायतकर्ता को यह विश्वास दिलाने की कोशिश की थी कि उनकी कई जजों से करीबी जान-पहचान है। इस बहाने वह एक महिला के तलाक के केस में उसके पक्ष में फैसला करवाने का दावा कर रहे थे और इसके एवज में 30 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की गई थी। सीबीआई ने बताया कि इस मामले में किसी भी न्यायिक अधिकारी की संलिप्तता नहीं मिली। एजेंसी ने 14 अगस्त को सलवान के साथी सतनाम सिंह को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि सतनाम सिंह ने शिकायतकर्ता हरसिमरनजीत (फिरोजपुर निवासी) से कहा था कि वह अपनी बहन के पक्ष में फैसला करवाने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि उनकी “ऊपर तक पहुंच” है। सीबीआई की चार्जशीट में अब एडवोकेट जतिन सलवान और सतनाम सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया है, जबकि बठिंडा के सिविल जज को पूरी तरह बरी कर दिया गया है।

