बार कौंसिल का आदेश नोकरी करने वाले वकील एक महीने के अंदर जमा कराए अपना लाइसेंस! / नही कराने वाले के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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बार कौंसिल का आदेश नोकरी करने वाले वकील एक महीने के अंदर जमा कराए अपना लाइसेंस! / नही कराने वाले के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई!*
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वकालत की पढ़ाई करने के बाद बहुत से लोग वकालत के पेशे से जुड़ जाते हैं जबकि बहुत सारे लोग नौकरी या बिजनेस करने लगते हैं। अन्य पेशे में लगे लोगों के पास वकालत का लाइसेंस भी रहता है। इसे देखते हुए ओडिशा बार काउंसिल ने बड़ा निर्देश दिया है। बार काउंसिल ने कहा कि ऐसे जो भी व्यक्ति जिनके पास वकालत का लाइसेंस है वो नौकरी या बिजनेस कर रहे हैं वो अपना लाइसेंस सरेंडर कर दें।
बार काउंसिल ने लिखा लेटर
वकीलों के निकाय ने ओडिशा के सभी जिला बार संघों को एक पत्र लिखा और कहा कि ऐसे आरोप हैं कि कुछ वकील निजी कंपनियों और सरकारी संस्थाओं में नौकरी कर रहे हैं और वकालत का लाइसेंस हासिल करने के बाद व्यावसायिक गतिविधियों में भी शामिल हो रहे हैं। ऐसा करके वे अधिवक्ता अधिनियम, 1961 द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं। अधिनियम ये कहता है कि वकील कोई भी व्यवसाय नहीं कर सकता है. हालांकि वो किसी भी कंपनी में निष्क्रिय भागीदार हो सकता है।
क्या कहता है अधिनियम
साथ ही साथ बताया गया कि वकील किसी कंपनी का निदेशक या अध्यक्ष बन सकता है लेकिन वो प्रबंध निदेशक या सचिव नहीं बन सकता है। यानि की पूरी तरह से वेतन लेने वाला कर्मचारी नहीं बन सकता है। अगर वो ऐसा करता है तो इसकी जानकारी उसे बार काउंसिल को देनी होगी और उसे पूरी तरह से वकालत बंद करनी होगी। इसे देखते हुए बार काउंसिल ने ओडिशा के सभी बार एसोसिएशनों से कहा है कि अगर कोई वकील एक महीने के अंदर अपना लाइसेंस वापस नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए या फिर आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए।
*ओडिशा बार काउंसिल*
ओडिशा बार काउंसिल, ओडिशा राज्य में कानून का अभ्यास करने वाले वकीलों के लिए नियामक और वैधानिक रूप से प्रतिनिधि निकाय है. इसे एडवोकेट्स एक्ट, 1961 और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार गठित किया गया था।

