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चंडीगढ़ में जल्द बनेगा हरियाणा का नया विधानसभा भवन/ पंजाब के नेताओं का विरोध शुरू*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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चंडीगढ़ में जल्द बनेगा हरियाणा का नया विधानसभा भवन/ पंजाब के नेताओं का विरोध शुरू*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा के लिए चंडीगढ़ में नए विधानसभा भवन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी है, लेकिन इसका खुद का अस्तित्व केंद्र शासित प्रदेश के रूप में हैं। ऐसे में विधानसभा भवन के निर्माण को लिए प्रस्ताव की फाइल केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास अटकी हुई थी।

पिछले कुछ दिनों से इसमें कुछ संवेदनशील जोन को लेकर रुकावटें पैदा हो रही थीं, जो अब दूर हो चुकी हैं। हरियाणा के लिए नए विधानसभा निर्माण के लिए सबसे पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रयास शुरू किए थे। चंडीगढ़ प्रशासन ने इसके लिए जमीन देने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी। लेकिन, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की मंजूरी को लेकर बात अटकी हुई थी। इसके बाद हरियाणा सरकार ने प्रस्ताव में कुछ बदलाव के साथ इसे नए सिरे से केंद्र सरकार के पास भेजा था। इस पर अब केंद्र सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।

प्रशासन के मुताबिक, जो जमीन हरियाणा की ओर से पंचकूला एरिया की मिली है, वह चंडीगढ़ के आईटी पार्क के 123 एकड़ जमीन के साथ लगती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। विधानसभा की नई इमारत के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दी जा रही है। मनसा देवी कांप्लेक्स के पास 12 एकड़ जमीन है, जो पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील जोन में आती है। केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ ही नए विधानसभा भवन के निर्माण की सभी रुकावटें दूर हो चुकी हैं। अब प्रशासन को आसानी से यह जमीन ट्रांसफर की जा सकती है। हरियाणा सरकार पहले जमीन के लिए 550 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार थी। अधिसूचना जारी होने पर पूर्व विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।

हरियाणा को अलग विधानसभा के लिये चंडीगढ़ में जगह देना पंजाब के अधिकारों का हनन: धामी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिये अलग से जमीन देने के केंद्र सरकार के फैसले को पंजाब के अधिकारों पर सीधा हमला करार देते हुए कहा कि सरकार का यह रवैया पंजाब और पंजाबियों के खिलाफ है। एडवोकेट धामी ने बुधवार को कहा कि चंडीगढ़ की स्थापना पंजाब के दर्जनों गांवों के अस्तित्व को खत्म करके हुई है, जिसके कारण इस शहर पर केवल पंजाब का ही अधिकार है। केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के हकों और हितों की अनदेखी कर अच्छा नहीं किया जा रहा है। एडवोकेट धामी ने कहा कि केंद्र सरकार शुरू से ही मंशा पंजाब विरोधी रही है। कभी पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से जुड़े लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म करने की बात की जाती है तो कभी चंडीगढ़ में काम करने वाले कर्मचारियों पर केंद्र सरकार के नियम लागू करने का फैसला किया जाता है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ पर सिर्फ पंजाब का हक था, हक है और हक रहेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इस समय इस 10 एकड़ जमीन के बदले हरियाणा द्वारा पंचकुला में 12 एकड़ जमीन देने की बात चल रही है, लेकिन पंजाबियों को धोखे में रखने का एक रास्ता है। एडवोकेट धामी ने कहा कि केंद्र सरकार को यह कार्रवाई तुरंत रोकनी चाहिये और चंडीगढ़ के संबंध में किसी भी फैसले से पहले पंजाब से जुड़े हर राजनीतिक दल, सामाजिक संगठनों और धार्मिक प्रतिनिधि संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श सुनिश्चित करना चाहिये। उन्होंने सभी पंजाब समर्थक पार्टियों से अपील की कि वे इस षडयंत्रकारी फैसले के खिलाफ एक मंच पर इकट्ठा होकर पुरजोर विरोध करें, ताकि इस फैसले को लागू न किया जा सके।

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