चंडीगड़ में सांसद सुरजेवाला ने पंजाब औऱ हरियाणा सरकार पर बोला हमला / केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा MSP पर धान की खरीद न करके सरकार किसानो से ले रही हैं आंदोलन का बदला*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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चंडीगड़ में सांसद सुरजेवाला ने पंजाब औऱ हरियाणा सरकार पर बोला हमला / केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा MSP पर धान की खरीद न करके सरकार किसानो से ले रही हैं आंदोलन का बदला*
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चंडीगड़ ;- कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा औऱ पंजाब सरकार पर धान की खरीद को लेकर जबरदस्त हमला बोला है। राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि दोनों राज्यों के किसानों को किसान आंदोलन की सजा दी जा रही है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएसपी) नहीं देना पड़े, इसके लिए धान की खरीद और किसानों के रजिस्ट्रेशन में आधी से ज्यादा कटौती कर दी है। सुरजेवाला का आरोप है कि पिछले साल के मुकाबले दोनों राज्यों में 82. 88 लाख टन कम धान ख्ररीदा है। सुरजेवाला मंगलवार को यहां प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा में एमएसपी पर खरीद के लिए 4 लाख 19 हजार 532 किसानों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें केवल 1 लाख 33 हजार 114 किसानों की फसल खरीद हुई है, जबकि दो लाख 86 हजार 418 किसान अभी तक वंचित हैं। प्रदेश में पिछले साल हुई 58.92 लाख टन धान की खरीद के मुकाबले इस साल अभी तक 37.23 लाख टन धान खरीदा गया है, जबकि धान खरीद 15 नवंबर को बंद हो जाएगी।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल फर्टिलाइजर, फूड और फ्यूल सब्सिडी में तीन लाख 30 हजार करोड़ रुपये की कटौती कर दी है। साल 2020-21 में सब्सिडी सात लाख 58 हजार 165 करोड़ रुपये थी, जिसे चालू बजट में चार लाख 28 हजार 423 करोड़ रुपये कर दिया गया है। पिछले दो साल में ही फूड सब्सिडी में 78 हजार करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई है।
*सुरजेवाला ने पंजाब सरकार पर भी उठाए सवाल*
इसी तरह पंजाब में पिछले साल हुई 1.11 करोड़ टन धान खरीद के मुकाबले इस बार अभी तक 49.84 लाख टन धान खरीदा गया है। यानी कि पिछले साल के मुकाबले में अब तक आधी खरीद भी नहीं हुई। रजिस्टर्ड किसानों की संख्या भी सात लाख 98 हजार से घटकर तीन लाख 22 हजार रह गई है। राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो 19 प्रांतों में एमएसपी पर धान बेचने के इच्छुक किसानों की संख्या एक करोड़ 11 लाख से घटकर 51 लाख 20 हजार रह गई है। धान खरीद भी सात करोड़ 19 लाख टन के मुकाबले अभी तक 92 लाख 46 हजार टन हुई है। ऐसे में 15 दिन में बाकी की खरीद कैसे हो पाएगी।
*कहां गया 3100 रुपये क्विंटल का धान खरीदने का वादा*
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि पीआर धान की 2300 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की जगह किसान को 2000 से 2100 रुपये प्रति क्विंटल फसल बेचनी पड़ रही है। हरियाणा में चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सैनी ने वादा किया था कि आठ अक्टूबर के बाद धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जाएगा। यह वादा हवा-हवाई साबित हुआ है। साजिश के तहत आढ़ती का कमीशन ढाई प्रतिशत से काटकर 46 रुपया प्रति क्विंटल कर दिया गया है।