पीजीआई चंडीगढ़ के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष पर लगा रैगिंग का आरोप!*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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पीजीआई चंडीगढ़ के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष पर लगा रैगिंग का आरोप!*
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चंडीगढ़ ;- पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष की ओर से संस्थान के ही स्नातक छात्र के मानसिक उत्पीड़न और रैगिंग का मामला सामने आया है।
इससे परेशान होकर छात्र ने दो बार पीजीआई निदेशक को लिखित शिकायत दे चुका है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे छात्र बेहद तनाव में है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस संबंध में पूछे जाने पर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अनभिज्ञता जाहिर करते कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि ऐसा कब हुआ।
अपमानित महसूस कर रहा हूं
पीजीआई के क्लीनिकल विभाग के स्नातक छात्र ने रैगिंग और मानसिक उत्पीड़न से संबंधित अपनी पहली शिकायत 6 अगस्त को पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल को लिखित रूप में दी थी। इस पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने दोबारा 29 अगस्त को निदेशक को एक रिमाइंडर भेजा। इसमें कहा कि लगातार कोई जवाब नहीं मिलने से वह खुद को अपमानित महसूस कर रहा है।
अध्यक्ष पर चिल्लाने का आरोप
वहीं, छात्र ने अपने पत्र के माध्यम से पीजीआई निदेशक को बताया है कि वह रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पिछले अध्यक्षों के साथ अधिकांश कार्यक्रमों में डिजिटल डिजाइनिंग और पोस्टर बनाने में मदद करता रहा है। इसी क्रम में 31 जुलाई को जब वह ओल्ड डॉक्टर हॉस्टल स्थित जिम में गया तो वहां एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हरिहरन ने उसे अंदर आने से रोक दिया और कहा कि गार्ड को बुलाकर तुम्हें बाहर निकलवा दूंगा। इसके साथ यह भी बताया कि उसे ओल्ड डॉक्टर हॉस्टल में आने की अनुमति नहीं है। इससे उसे बहुत दुख हुआ और सार्वजनिक रूप से अपमानजनक महसूस हुआ। पत्र में उसने आगे बताया है कि अध्यक्ष सार्वजनिक रूप से उस पर कई बार चिल्लाए, उसे रुलाया। अध्यक्ष की हरकतों से उसकी गरिमा और सेहत को काफी नुकसान पहुंचा है।
पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (एआरडी) के अध्यक्ष पर रैगिंग का आरोप लगने का यह अब तक का पहला मामला है। वहीं, एआरडी के एक पदाधिकारी ने बताया कि अध्यक्ष के गलत व्यवहार के कारण पैनल के एक सदस्य ने पूर्व में संगठन से इस्तीफा भी दे दिया है। वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि अध्यक्ष का व्यवहार काफी अड़ियल है।
*हम मामले की जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि संस्थान सभी के लिए सुरक्षित कार्य स्थल उपलब्ध कराए। -प्रो. विवेक लाल, पीजीआई निदेशक*