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बुढ़ापे में अपनों को निराश्रित न छोड़े कोई

रिपोर्ट:-प्रवीन कु.शर्मा

मथुरा वृन्दावन:-​भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद यहां के आश्रय सदनों में रह रही वृद्धाओं की एक ही तमन्ना है, भविष्य में कोई बेटा या बेटी अपने मां-बाप को निराश्रित न छोड़े। रक्षाबंधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राखी बांधने दिल्ली जा रही ये महिलाएं रक्षा कवच के रूप में उनसे इस आशय का कानून बनाने की मांग करेंगी।

भूत गली स्थित सरकारी आश्रय सदन में राखी तैयार कर रहीं माताओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। करीब दो हजार राखियां तैयार की जा रही हैं। इन पर प्रधानमंत्री मोदी का फोटो लगा है। सुलभ इंटरनेशनल द्वारा तैयार कराई जा रहीं राखियों में डेढ़ हजार राखियां छह अगस्त को गोपीनाथ मंदिर में आयोजित रक्षा बंधन पर्व पर स्थानीय लोगों के बांधी जाएंगी। इसके अलावा 500 राखियों का पैकेट लेकर वृंदावन से चार निराश्रित विधवाएं दिल्ली के लिए रवाना होंगी। इनमें दो वृद्धाएं मीरा सहभागिनी आश्रय सदन से, तो दो चैतन्य विहार आश्रय सदन से शामिल की गई हैं। यह दिल्ली पहुंचकर सात अगस्त को प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति की कलाई पर राखी बाधेंगी।

-मीरा सहभागिनी आश्रय सदन में रह रही द्रोपदी झा को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री से राखी के बदले किसी तोहफे की चाहत नहीं है। बस ऐसा कानून बनाने की उम्मीद है कि कोई बेटा या बेटी अपने मां-बाप को निराश्रित न छोड़े।

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