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हरियाणा में आज रात से बरसेंगे बादल, सोनीपत पानीपत-करनाल में लगातार 3 दिन होगी बारिश!*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खीज/भारतीय न्यूज़,
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हरियाणा में आज रात से बरसेंगे बादल, सोनीपत पानीपत-करनाल में लगातार 3 दिन होगी बारिश!*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा में मानसून की सुस्त रफ्तार के कारण गर्मी और उमस से परेशान लोगों को शनिवार से कुछ राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के आंकलन पर गौर करें तो 9 से 11 जुलाई तक प्रदेश में बारिश का संयोग बन रहा है। पूर्व के आंकलन में कुछ बदलाव भी नजर आ रहा है। सोनीपत, पानीपत व करनाल 3 ऐसे जिले हैं, जहां तीनों दिन बारिश होने का पूर्वानुमान है।

हर दिन नया पूर्वानुमान

महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात और पलवल चार ऐसे जिले हैं, जहां 9 से 11 जुलाई तक किसी प्रकार की बारिश की संभावना नहीं जताई जा रही है। यहां एक दो स्थान पर हलकी बौछार संभव है। पहले जहां 10 जुलाई को 10 जिलों में भारी से भारी बारिश की संभावना व्यक्त करते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था, अब नए बुलेटिन में यह केवल उत्तर हरियाणा के पंचकूला, अंबाला व यमुनानगर तक ही सिमट कर रह गया है। बता दें कि मानसून के स्थिर रहने से हर रोज नया पूर्वानुमान आ रहा है और अगले दिन तक बहुत कुछ बदलाव दिखाई पड़ता है।

बारिश के अनुकूल हालात

चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. एमएल खीचड़ ने शुक्रवार को जानकारी दी कि बंगाल की खाड़ी की तरफ से मानसूनी हवाएं आने और दक्षिण पश्चिमी राजस्थान पर एक साईक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से अरब सागर की तरफ से नमी वाली हवाएं हरियाणा की तरफ आने की संभावना बनी है। ऐसे में 9 जुलाई रात्रि से 11 जुलाई के दौरान तेज हवाओं और गरज चमक के साथ राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में बारिश की संभावना बन रही है।

मौसम विभाग ने 9 जुलाई को जीटी रोड क्षेत्र में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
आज को लेकर ये है पूर्वानुमान

बात 9 जुलाई की करें तो फिलहाल जीटी रोड पर पंचकूला से सोनीपत तक ही बारिश होगी। इसमें भी कुछ जिलों में में बिखरे तौर पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, तो कुछ में बदरा जमकर बरसेंगे। बिखरी बारिश का मतलब है कि एक जिले में कहीं पानी गिरे और कहीं पर धरती सूखी रह जाए। शनिवार को पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, करनाल, पानीपत और सोनीपत में बरसात की संभावना जताई जा रही है।

रविवार को इन जिलों में बारिश संभव

10 जुलाई को पंचकूला, अंबाला और यमुनानगर में जहां भारी से भारी वर्षा की संभावना है, वहीं कुरुक्षेत्र, कैथल,, करनाल, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद भिवानी और चरखी दादरी में बारिश का येलो अलर्ट है। अन्य जिलों के लिए फिलहाल कोई अलर्ट नहीं है।

मंडे को 4 जिलों में राहत की वर्षा

11 जुलाई को लेकर मौसम विभाग का जो पूर्वानुमान है, उस पर गौर करें तो पूरे प्रदेश में से केवल सोनीपत, पानीपत, गुरुग्राम व करनाल में ही बारिश की संभावना व्यक्त की जा रही है। इन जिलों में येलो अलर्ट है। इसके अलावा प्रदेश के शेष 18 जिलों में बारिश को लेकर किसी प्रकार का अलर्ट नहीं है।

IMD चंडीगढ़ की ओर से 10 जुलाई को इन क्षेत्रों में येलो और ऑरेंज अलर्ट रहेगा।
गर्मी से राहत की उम्मीद

प्रदेश में कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश संभव है। स्काइमेट की ओर से भी कहा गया है कि 2 सप्ताह तक स्थिर रहने के बाद मानसून अब आगे बढ़ सकता है। 3-4 दिनों में हरियाणा में अच्छी बारिश कर सकता है। इन दौरान तापमान में गिरावट हो सकती है और रुक-रुक कर बारिश होगी।

अभी तक के हालात की वजह

बंगाल की खाड़ी की तरफ से नमी वाली हवाओं के उत्तराखंड की तरफ से आने से हरियाणा के उत्तर क्षेत्र के जिलों यमुनानगर , अंबाला, पंचकूला, कुरूक्षेत्र, करनाल जिलों में 6 जुलाई से 8 जुलाई के दौरान कहीं कहीं हल्की से मध्यम तथा कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश हुई। परंतु राज्य के अन्य क्षेत्रों दक्षिण व पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में इस दौरान दिए गए मौसम पूर्वानुमान अनुसार बारिश नहीं हुई।
इसका मुख्य कारण पाकिस्तान के उत्तर में एक कम दबाव का क्षेत्र/लो प्रैशर एरिया बनने से अरब सागर से आने वाली नमी वाली हवाएं गुजरात, राजस्थान से होते हुए पाकिस्तान की ओर बढ़ गई। इस वजह से पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम क्षेत्रों में बारिश हुई तथा हरियाणा के दक्षिण व पश्चिमी क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई। इसी वजह से मौसम विभाग के पूर्वानुमान लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे।

अब तगड़ी बारिश की उम्मीद

एक बार फिर से उत्तर भारत मे तगड़ी बरसात होने की उम्मीद जग रही है। क्योंकि खाड़ी में नया सिस्टम बन रहा है और मानसून की अक्षीय रेखा शनिवार से वापस उत्तर राजस्थान की तरफ बढ़ने वाली है।हरियाणा में 10 दिन पहले की बारिश के बाद से ही लोग बडी बरसात के इंतजार में थे। इसकी भरपाई 6 से 8 जुलाई के बीच होनी थी। मगर मौसमी चक्र में हुए बदलाव के कारण बारिश सिर्फ सीमित इलाकों में रहकर हट गई। अधिकतर सूखे ही रहे। अब मानसून टर्फ़ जैसलमेर कोटा , जबलपुर, कलिंगापट्नम से होता हुआ बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है।

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