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हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘‘मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)’’ योजना को किया क्रियान्वित ;- डॉ बनवारीलाल*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा सरकार ने अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘‘मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)’’ योजना को किया क्रियान्वित ;- डॉ बनवारीलाल*
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चंडीगढ़ ;- हरियाणा के अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘‘अनुसूचित जाति से संबंधित विद्यार्थियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी)’’ योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस योजना को व्यापक परिवर्तनों के साथ लागू करने के लिए लगभग 59 हजार करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। आज यहां जारी एक वक्तव्य में उन्होंने बताया कि संशोधित योजना का उद्देश्य सबसे गरीब अनुसूचित जाति (एससी) परिवारों के लिए एक प्रभावशाली परिवर्तन लाना है। इस योजना के अंतर्गत फंडिंग प्रणाली में केन्द्र सरकार का 60 प्रतिशत और राज्य सरकारों का 40 प्रतिशत का हिस्सा होगा। अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि योजना के सुचारू संचालन के लिए इस योजना में प्राप्त केंद्रीय सहायता को नियंत्रित करने हेतू राज्य सरकारें विभिन्न कदम उठाना सुनिश्चित करेंगी जैसे कि योजना के तहत अनुसूचित जाति के सबसे गरीब बच्चों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना में पहले एससी परिवारों के वे विद्यार्थी शामिल होंगे जो एसईसीसी-2011 के आंकड़ों के अनुसार तीन या अधिक बार वंचित रहे हैं तथा जिन परिवारों में माता-पिता में से एक या दोनों निरक्षर हैं और जिन विद्यार्थियों ने राज्य सरकार/नगर निकाय/स्थानीय निकाय द्वारा संचालित स्कूल से दसवीं उत्तीर्ण की हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों द्वारा ग्राम पंचायतों के नोटिस बोर्डों एवं स्कूल समितियों के माध्यम से इस योजना के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा और किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठकों में चर्चा की जाएगी। यह योजना सुरक्षित साइबर सुरक्षा उपायों के साथ एक ऑनलाइन मंच पर चलाई जाएगी, जो बिना किसी देरी के पारदर्शिता, जवाबदेही, दक्षता और समय पर वितरण सुनिश्चित करेगी। इस उद्देश्य के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) को संशोधित किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऑनलाइन पोर्टल पर पात्रता, जाति की स्थिति, आधार पहचान और बैंक खाते के विवरण का पूर्णत: सत्यापन करेगी। इसके अलावा, वे विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत लाभार्थियों का एक पूरा डेटाबेस बनाए रखेंगे। विद्यार्थियों को धनराशि जारी करने को स्वचालित रूप से आधार-आधारित उपस्थिति प्रणाली से जोड़ा जाएगा, जो योजना में एक अनिवार्य प्रावधान होगा। योजना के तहत विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता का हस्तांतरण डीबीटी मोड पर होगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत सबसे गरीब परिवारों पर ध्यान केंद्रित करने से ड्रॉपआउट दर को कम करने में मदद मिलेगी और विद्यार्थियों को बिना किसी परेशानी के अपनी शिक्षा पूरी करने में सहायता मिलेगी।

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