हरियाणा के बरोदा उपचुनाव में खट्टर, हूडा व चौटाला जैसे दिग्गजो की दाव पर लगी प्रतिष्ठा*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय ख़ोज/भारतीय न्यूज,
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हरियाणा के बरोदा उपचुनाव में खट्टर, हूडा व चौटाला जैसे दिग्गजो की दाव पर लगी प्रतिष्ठा*
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चंडीगढ ;- भाजपा, कांग्रेस व इनेलो के दिग्गज बरोदा के रण में बहा रहे पसीना, मनोहरलाल, हड्डा व चौटाला की प्रतिष्ठा दांव पर
चंडीगढ़। बरोदा उपचुनाव को लेकर हरियाणा की राजनीति के दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने इस चुनाव के लिए एडी चोटी का जोर लगा रखा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने जहां पचास साल में पहली बार कमल खिलाने की चुनौती है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सामने अपने गढ़ को बचाए रखना मुश्किल हो रहा है। जेबीटी भर्ती घोटाले में सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के माध्यम से इनेलो अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने की फिराक में है। बरोदा विधानसभा सीट कांग्रेस के पूर्व विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के बाद खाली हुई थी। इस सीट पर तीन नवंबर को मतदान होगा।
बरोदा में चुनाव प्रचार अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। पिछले 50 साल में यहां भाजपा एक भी चुनाव नहीं जीती है। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने बड़ी चुनौती है। भाजपा की चुनाव प्रचार मुहिम को सीएम अपने कंधों पर खींच रहे हैं। मनोहर लाल अपने पहले कार्यकाल की तरह बरोदा में भी जींद का इतिहास दोहराना चाहते हैं। भाजपा अगर यह चुनाव जीत जाती है तो विधानसभा में भाजपा संख्याबल के आधार पर थोड़ी मजबूत होगी। दूसरी तरफ पिछले दो चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस इस बार फिर से जीत के प्रति अश्वस्त नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अपने ही गढ़ में व्यवस्थित चुनाव प्रचार अभियान से भाजपा से भले ही चुनौती मिल रही है लेकिन वह अपने गढ़ को बचाए रखने की जुगत में हैं। हुड्डा बरोदा के माध्यम से अपना वर्चस्व कायम रखने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस खेमे की तरफ से कुमारी सैलजा व अन्य नेताओं ने बरोदा में भले ही प्रचार किया हो लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा उनके सांसद बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा बरोदा में खूब पसीना बहा रहे हैं। बरोदा में चुनावी ताल ठोक रही इनेलो भी इस चुनाव के माध्यम से अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने का प्रयास कर रही है। कोरोना के कारण पैरोल पर बाहर आए ओम प्रकाश चौटाला पिछले कई दिनों से बरोदा में जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। हालांकि पिछले दो चुनाव में यहां इनेलो की स्थिति बेहद दयनीय रही है लेकिन उससे पहले इनेलो जीतती रही है। चौटाला पुराने लोगों को फिर से पार्टी के साथ जोडऩे की कवायद में लगे हुए हैं।
इनेलो का वोट प्रतिशत अगर यहां बढ़ता है तो कोरोना काल में अभय चौटाला द्वारा दूसरे दलों के नेताओं को अपने साथ जोडकऱ पार्टी की मजबूती के लिए जो प्रयास किए गए हैं उससे भविष्य सुरक्षित हो सकता है।