Saturday, June 29, 2024
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निगम में हुआ हंगामा, पार्षद कैंथ सदन से एक दिन के लिए निलंबित, मेयर से दुव्र्यवहार के लिए किए गए बाहर*

राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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निगम में हुआ हंगामा, पार्षद कैंथ सदन से एक दिन के लिए निलंबित,
मेयर से दुव्र्यवहार के लिए किए गए बाहर*
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चंडीगढ़ ;- नगर निगम चंडीगढ़ की मासिक सदन बैठक में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान ही कांग्रेस पार्षद सतीश कुमार कैंथ और मेयर के बीच एक बात को लेकर तू-तू मैं-मैं होते-होते बात इतनी बढ़ गई कि मेयर ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सतीश कैंथ को सदन की बैठक से पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। एक विंग के कुछ जेईज के आंतरिक तबादले को लेकर कैंथ ने बात उठाई।

मेयर ने ऐतराज किया कि कमिश्नर के पास किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के आंतरिक तबादले का विशेषाधिकार है। इस पर बात इतनी बढ़ी कि कैंथ ने मेयर को यह कह दिया कि सबसे भ्रष्ट व्यक्ति तू है। इसलिए तेरे रहते हुए ऐसे कारनामे होते रहेंगे। जवाब में मेयर ने कहा कि कैंथ व्यक्तिगत तौर पर जो भी कहना चाहें उन्हें (कालिया) को कहें। किन्तु मेयर की गरिमा को ठेस पहुंचाने की बात बर्दाश्त नहीं होगी।

इस अनुशासनहीनता के लिए कैंथ को पूरे दिन के लिए सदन से निलंबित किया जाता है। कैंथ न जाने के लिए अड़े थे, किन्तु बाद में मार्शलों ने उन्हें बाहर निकाला। साथ में यह भी आदेश दिए गए कि आज की कार्रवाई में कैंथ की किसी बात को रिकार्ड न किया जाए। हालांकि कांग्रेस के देवेंद्र सिंह बबला ने निवेदन किया कि कैंथ की तरफ से मैं माफी मांगता हूं। पर उनको वापस बुला लें। किन्तु मेयर ने कहा कि खुद कैंथ सदन में आकर माफी मांगें। सतीश कैंथ ने ऐसा नहीं किया और उन्हें बाहर जाना पड़ा।

अनिल दूबे ने किया विरोध
भाजपा पार्षद एवं पूर्व डिप्टी मेयर अनिल दूबे ने मेयर की इस कार्रवाई का विरोध किया। उनका कहना था कि बबला इतने वरिष्ठ पार्षद हैं। और उन्होंने कैंथ के बदले माफी मांग ली है तो मामला रफा-दफा हो जाना चाहिए। किन्तु भाजपा के अन्य पार्षदों ने इस बात का विरोध किया। आज की बैठक में रखे कुल 11 प्रस्तावों में से 4 स्थगित कर दिए गए। जबकि 8 को हरी झंडी दे दी गई।

पॉकेट नंबर-2 गोबिन्दपुरा मनीमाजरा में विकास प्रभार का निर्धारण, चंडीगढ़ के 7 फायर स्टेशनों पर बाह्य एजेंसी के माध्यम से 13 स्वीपर/माली को काम पर लगाने, सेक्टर-26 चंडीगढ़ की आइडल ट्रक पार्किंग की भारी व्यापारिक वाहनों के लिए पार्किंग फीस में वृद्धि में संशोधन किए गए। इसके अनुसार 24 घंटों के लिए प्रति प्रवेश एलसीवी के 100 के बजाय 75 रुपये, आम ट्रक/एचटीवी के 200 की जगह 150, मल्टी एक्सल वाहन के 300 की जगह 200 एवं मासिक पास एलसीवी के 1300 की जगह 750, आम ट्रक के 2000 की बजाय 1200, मल्टीएक्सल वाहन के 3000 की बजाय 2400 रुपये करने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती मनाने के लिए यह संशोधन किया गया कि एमसी के कम्युनिटी सेंटरों में गैर राजनीतिक एवं गैर धार्मिक समारोह के रूप में बुङ्क्षकग कर इसका आयोजन किया जा सकता है। इसी प्रकार मार्केट संगठनों के सार्वजनिक शौचालयों पर रखरखाव प्रभार में वृद्धि की बात को भी स्थगित कर इस पर कोई सोची-समझी नीति बनाने का निर्णय लिया गया।

एमसी की 89 पेड पार्किंग शुल्क में वृद्धि का मामला स्थगित
आज की बैठक में शहर की सभी 89 पेड पार्किंग साइटों की शुल्क वृद्धि पर होने वाली महत्वपूर्ण चर्चा आगामी 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई। पूर्व मेयर देवेश मोदगिल ने कहा कि इतनी बड़ी फाइल पढऩे का उनके पास समय नहीं है। इसलिए इसके लिए एक विशेष बैठक बुलाई जाए। इसके बाद इसे आगामी 8 जुलाई की विशेष बैठक में लाया जाएगा।

स्वच्छ सर्वेक्षण
कमिश्नर ने कहा कि पूरे देश में राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण चल रहा है। हमें भी शहर की सफाई पर ध्यान देना होगा। इस पर पार्षद चंद्रावती शुक्ला ने कहा कि उनके वार्ड के सेक्टर-52 में बिना लाइसेंस लिए हर रोज बकरे, सुअर और मुर्गे काटे जाते हैं। इस पर कमिश्नर ने सख्ती दिखाते हुए एमओएच को सारे मामले की जांच कर हल निकालने की बात कही।

सेक्टर-22 की मार्केट में 3000 वेंडर्स
रविकांत शर्मा ने कहा कि उनके वार्ड के सेक्टर-22 की मार्केट में 3000 वेंडर्स हैं। इस पर गौर फरमाएं, ताकि व्यापारियों व आमजन को परेशानी न हो। शक्ति प्रकाश देवशाली ने अपने वार्ड में पानी की किल्लत की चर्चा की। इस पर कमिश्नर ने उन्हें सकारात्मक आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि पानी की समस्या जब तक हल नहीं हो जाती निगम के टैंकरों से जरूरतमंदों को पानी दिया जाए। महेशइंद्र सिंह ने कहा कि उनके वार्ड में वीआईपीज के अतिक्रमण से मुक्ति दिलाई जाए।

डड्डूमाजरा में पशु संस्कार प्लांट का विरोध
डड्डूमाजरा के डंपिंग ग्राउंड में मृत पशुओं के संस्कार का जबरदस्त विरोध हुआ। कमिश्नर ने कहा कि यह प्लांट लगना तय है। किन्तु स्थल के बारे में नीति तय करनी पड़ेगी। अन्यथा यहीं पर ही प्लांट लगाना पड़ेगा।

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