लोकसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा की राह नही आसान, दस की दस सीट जीतने के लिए करना होगा कड़ा संघर्ष?
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़,
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लोकसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा की राह नही आसान, दस की दस सीट जीतने के लिए करना होगा कड़ा संघर्ष?
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चंडीगढ़ ;- 12 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव में यदि हरियाणा भाजपा ने दस की दस लोकसभा सीटें जीतनी है तो उनको और ज्यादा मेहनत करनी होगी। भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा संगठन के सभी वरिष्ठ नेता बयान बाजी कर रहे हैं कि हम प्रदेश की सभी 10 सीटों पर विजय हासिल करेंगे। शायद मुख्यमंत्री खट्टर और भाजपा नेता मतदाताओं की नब्ज को पढ़ने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
क्योंकि प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर जीत इतनी आसान नहीं दिखाई दे रही। किसी किसी सीट पर कांग्रेस और भाजपा में सीधा कड़ा मुकाबला दिखाई दे रहा है।
परंतु कुछ सीटें ऐसी भी है जहां मुकाबला तिकोना नजर आ रहा है। यदि ग्राउंड वर्क पर बात की जाए तो प्रदेश की 6 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा पार्टी में जबरदस्त मुकाबला चल रहा है और जीत का सेहरा किस पार्टी के सिर पर बंधेगा यह कहना अभी बेमानी होगी। 4 सीटें ऐसी हैं जहां तिकोना मुकाबला है वहां भी भाजपा को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा। हरियाणा में भाजपा पार्टी सिर्फ मोदी और खट्टर के नाम पर चुनाव नहीं जीत सकती। उम्मीदवारों का रसूख और उनके द्वारा जनहित में किये कार्य भी एक विशेष महत्व रखते है। बहुत से राजनीति के जानकारों का मानना है कि भाजपा अति आत्मविश्वासी दिख रही है उनके कार्यकर्ता मोदी जाप के सहारे चुनाव जीतना चाहते है परंतु परस्थिति अनुकूल नही है इसलिए भी भाजपा को नुकसान हो सकता है! प्रदेश के मतदाताओं में नरेंद्र मोदी की पहले जैसी लहर भी नही दिखाई दे रही। पिछले चुनाव में सिरसा डेरे ने प्रदेश भाजपा की हर तरह से पूरी मदद की थी। परंतु इस बार सिरसा डेरे ने भी भाजपा की तरफ से मुंह मोड़ रखा है। इसलिए हम यह मान सकते है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम चौकाने वाले साबित होंगें! जिसका सीधा असर हरियाणा में निकटगामी विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।