बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस ने 76 और VIP ने 60 सीटों की सूची राजद को सौंपी / जीत सुनिश्चित करने के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे पर मंथन*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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बिहार चुनाव को लेकर कांग्रेस ने 76 और VIP ने 60 सीटों की सूची राजद को सौंपी / जीत सुनिश्चित करने के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे पर मंथन*
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पटना ;- राजद नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने 76 सीटों पर दावेदारी की है। कांग्रेस ने सीटों के साथ ही उम्मीदवारों के नाम भी राजद को सौंपे हैं। वहीं वीआईपी ने 60 सीटों पर दावेदारी की है। हालांकि वीआईपी ने सभी 60 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम नहीं बताए हैं।बिहार विधानसभा चुनाव की औपचारिक घोषणा होने में अब चंद दिन ही शेष हैं। ऐसे में महागठबंधन सीटों का पेच सुलझाने में लगा है। महागठबंधन की कोशिश है कि दशहरा तक यह तय हो जाए कि कौन दल कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इस बार महागठबंधन ने तय किया है कि वह न केवल सीटों को चिह्नित करेगा, बल्कि उम्मीदवारों का नाम भी एक साथ ही तय करेगा। गठबंधन के सबसे बड़े दल राजद ने सहयोगी दलों को कहा है कि वह सीटों के साथ ही उम्मीदवारों का भी नाम दें।
राजद के इस निर्णय पर सहयोगी दलों ने अमल भी किया है। राजद नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने 76 सीटों पर दावेदारी की है। कांग्रेस ने सीटों के साथ ही उम्मीदवारों के नाम भी राजद को सौंपे हैं। वहीं वीआईपी ने 60 सीटों पर दावेदारी की है। हालांकि वीआईपी ने सभी 60 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम नहीं बताए हैं। लगभग आधी सीटों पर ही वीआईपी ने उम्मीदवारों के नाम गिनाए हैं।वामदलों (भाकपा माले, माकपा और भाकपा) ने 40 सीटों पर दावेदारी करते हुए उम्मीदवारों की सूची राजद को सौंपी है। सहयोगी दलों के साथ ही राजद अपने लिए भी सीटों को चिह्नित करने के साथ ही उम्मीदवारों पर मंथन शुरू कर दिया है। राजद खुद कम से कम 130 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। गठबंधन में दो नए और सहयोगी रालोजपा और झामुमो की इंट्री होनी तय है। राजद ने इन दोनों दलों से भी सीटों के साथ ही उम्मीदवारों के नाम मांगे हैं।इन दोनों दलों को छह से आठ सीट मिलने की उम्मीद है। महागठबंधन में सीट के साथ ही उम्मीदवारों के नाम तय करने के पीछे चुनाव में जीत सुनिश्चित करने की रणनीति है। राजद नेताओं के अनुसार 243 विस क्षेत्र हैं। लेकिन सभी घटक दलों के अपने-अपने दावे हैं। स्थिति यह है कि सीटों से कहीं अधिक दलों की दावेदारी सामने आ रही है। ऐसे में अगर किसी सीट पर एक से अधिक दल की दावेदारी होगी तो गठबंधन के शीर्ष नेता मिल-बैठकर निर्णय लेंगे।

