फ़िल्म एक्ट्रेस एवं पूर्व सांसद किरण खेर को चंडीगढ़ प्रशासन का नोटिस / सरकारी आवास का 12.76 लाख रुपये बकाया होने पर पूर्व भाजपा सांसद ने जताई आपत्ति*
राणा ओबराय
राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज,
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फ़िल्म एक्ट्रेस एवं पूर्व सांसद किरण खेर को चंडीगढ़ प्रशासन का नोटिस / सरकारी आवास का 12.76 लाख रुपये बकाया होने पर पूर्व भाजपा सांसद ने जताई आपत्ति*
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चंडीगढ़ ;- पूर्व भाजपा सांसद किरण खेर को सेक्टर 7 में सरकार द्वारा आवंटित आवास के लिए 12.76 लाख रुपये के बकाया भुगतान का नोटिस जारी किया गया है। चंडीगढ़ के सहायक नियंत्रक (वित्त एवं नियंत्रक) किराया कार्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्थित टी-6/23 मकान के लिए खेर के सांसद कार्यकाल के दौरान नोटिस जारी किया गया था।
वहीं किरण खेर ने यूटी प्रशासन के रेंट्स विभाग की तरफ से भेजे गए 12.76 लाख रुपये के बकाया किराए के नोटिस पर कड़ी आपत्ति जताई है।
अधिकारियों ने बताया कि नोटिस में पूर्व सांसद से आवास के लिए लाइसेंस शुल्क तुरंत जमा करने को कहा गया है, अन्यथा उन पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी लगाया जाएगा। स्थानीय प्राधिकरण सरकारी आवासों के लिए लाइसेंस शुल्क लेते हैं।
नोटिस के अनुसार, जुलाई 2023 से 5 अक्टूबर 2024 तक लाइसेंस शुल्क 5,725 रुपये था, जबकि 6 अक्टूबर 2024 से 5 जनवरी 2025 तक आवासीय परिसर पर “अनधिकृत” कब्जे पर 100 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया, जो 3.64 लाख रुपये था। 6 जनवरी से 12 अप्रैल 2025 (परिसर खाली करने की आधिकारिक तिथि) तक, 200 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया, जो कुल मिलाकर 8.20 लाख रुपये है।
सहायक नियंत्रक (वित्त एवं नियंत्रक) किराया कार्यालय ने अतिरिक्त ब्याज और विविध शुल्क भी जोड़ दिए हैं, जिसमें 30 अप्रैल तक 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के रूप में 26,106 रुपये और 59,680 रुपये शामिल हैं।
*रेंट नोटिस पर किरण खेर ने जताई आपत्ति*
बुधवार को खेर ने विभाग को पत्र लिखकर इस गणना को नियमों के विरुद्ध बताया और आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व सूचना के ब्याज सहित अतिरिक्त शुल्क जोड़ दिए गए हैं।
पूर्व सांसद किरण खेर को यूटी प्रशासन के रेंट्स विभाग की ओर से हाल ही में उनके सरकारी घर का 12.76 लाख रुपये का किराया बकाया होने का नोटिस भेजा था। हैरानी की बात यह है कि किरण खेर को इस भारी-भरकम राशि की जानकारी किसी आधिकारिक पत्र या नोटिस से नहीं, बल्कि अखबारों के माध्यम से मिली। इस पर उन्होंने विभाग को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है और शुल्कों की दोबारा समीक्षा करने की मांग की है। खेर ने अपने पत्र में साफ कहा है कि उन्हें इस संबंध में विभाग की ओर से अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हाउस अलॉटमेंट कमेटी (एचएसी) के नियम के अनुसार रिटायरमेंट के बाद सरकारी आवास पर रहने की स्थिति में पहले 4 महीने तक सामान्य लाइसेंस फीस लागू होती है, उसके बाद 4 से 6 महीने तक 50 गुना और 6 से 7 महीने तक 100 गुना शुल्क वसूला जा सकता है लेकिन इस मामले में विभाग ने सीधे 4 महीने बाद ही 100 गुना फीस की गणना की है, जो नियमों के विपरीत है।
*न नोटिस भेजा, न डिमांड लेटर, खेर*
किरण खेर ने यह भी बताया कि 26,106 रुपये की राशि 25 फीसदी अतिरिक्त किराया बताकर वसूली गई है, जिसकी अवधि 8 नवंबर 2014 से लेकर आवास खाली करने तक की बताई गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि यह अतिरिक्त किराया किस नियम के तहत लिया गया है और इसकी क्या कानूनी वैधता है। इसके साथ ही 59,680 रुपये की राशि बतौर ब्याज जोड़ी गई है, जो कि 12 फीसदी सालाना की दर से 30 अप्रैल 2025 तक की गणना पर आधारित है।
*विवरण के साथ रेंट का पूरा ब्रेकअप मांगा*
खेर ने विभाग से अनुरोध किया है कि वह इन सभी शुल्कों की दोबारा जांच करें और नियमों के अनुसार स्पष्ट विवरण के साथ पूरा ब्रेकअप उपलब्ध कराए। उन्होंने यह भी साफ किया है कि जब तक औपचारिक और तर्कसंगत स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता, तब तक इस तरह की वसूली को उचित नहीं माना जा सकता।

